क्या दुर्गा पूजा से पहले तनीषा मुखर्जी ने अपने दिवंगत चाचा देब मुखर्जी को याद किया?

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क्या दुर्गा पूजा से पहले तनीषा मुखर्जी ने अपने दिवंगत चाचा देब मुखर्जी को याद किया?

सारांश

इस साल की दुर्गा पूजा में तनीषा मुखर्जी अपने दिवंगत चाचा देब मुखर्जी को याद कर रही हैं। इस बार का माहौल गमगीन है, लेकिन परिवार उनके सपनों को पूरा करने के लिए संकल्पित है। जानिए इस भावुक मौके की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • दुर्गा पूजा के दौरान परिवार की एकता का महत्व।
  • सांस्कृतिक परंपराएं और उनकी यादें।
  • दिवंगत सदस्यों की यादें और उनका योगदान।
  • सामाजिक जिम्मेदारी में योगदान देने का महत्व।
  • सोशल मीडिया का उपयोग करके प्रचार करना।

मुंबई, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नवरात्रि के अवसर पर काजोल और उनके परिवार में हमेशा की तरह बड़ी धूमधाम होती है। इस समय उनके घर पर मुखर्जी दुर्गा पूजा पंडाल का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी तैयारियां जारी हैं, लेकिन इस बार का माहौल कुछ गमगीन है।

अभिनेत्री तनीषा मुखर्जी ने राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष बातचीत में पंडाल के बारे में चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अपने दिवंगत चाचा देब मुखर्जी को याद किया, जिनका इस साल मार्च में निधन हुआ था। यह उल्लेखनीय है कि देब मुखर्जी हर साल इस पंडाल के आयोजन का जिम्मा उठाते थे।

तनीषा ने कहा, "यह हमारे परिवार के लिए दुखद समय है क्योंकि इस साल हमने तीन परिवार के सदस्य खो दिए हैं। हमारे देबू काका (देब मुखर्जी), जो दुर्गा पूजा का आयोजन करते थे, अब हमारे बीच नहीं हैं और इस बार पूजा में शामिल होना हमारे लिए बहुत कठिन होगा। फिर भी, उत्साह है क्योंकि हम उनके सपनों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।"

उन्होंने बताया कि देब मुखर्जी की इच्छा थी कि हर साल दुर्गा पूजा और भी भव्य हो, और इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार सोशल मीडिया पर इसका भरपूर प्रचार किया जा रहा है। तनीषा ने कहा कि इस वर्ष अधिक से अधिक लोगों को भोजन कराने की व्यवस्था की जा रही है, क्योंकि देब मुखर्जी चाहते थे कि हर कोई इस पर्व का आनंद ले सके।

इससे पहले, तनीषा की बहन और अभिनेत्री काजोल ने भी महालया के अवसर पर शुभकामनाएं शेयर की थीं।

गौरतलब है कि फिल्म निर्माता अयान मुखर्जी के पिता और काजोल व रानी मुखर्जी के चाचा देब मुखर्जी का इस साल 14 मार्च को 83 वर्ष की आयु में निधन हुआ। देब मुखर्जी की मां, सती देवी, अशोक कुमार, अनूप कुमार और किशोर कुमार की इकलौती बहन थीं। अभिनेता जॉय मुखर्जी और फिल्म निर्माता शोमू मुखर्जी उनके भाई थे।

Point of View

यह घटना इस बात का प्रमाण है कि भारतीय संस्कृति में परिवार और परंपरा का कितना महत्व है। दुर्गा पूजा के समय परिवार के सदस्यों की यादें और उनके सपने हमें एक साथ लाते हैं।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

तनीषा मुखर्जी ने अपने चाचा को कैसे याद किया?
तनीषा ने अपने दिवंगत चाचा देब मुखर्जी को याद करते हुए बताया कि उनके बिना इस बार दुर्गा पूजा में शामिल होना कठिन होगा।
देब मुखर्जी का क्या योगदान था?
देब मुखर्जी हर साल दुर्गा पूजा के आयोजन की जिम्मेदारी संभालते थे और चाहते थे कि यह त्योहार और भी भव्य हो।
क्या इस साल दुर्गा पूजा में कुछ खास तैयारी की गई है?
इस बार तनीषा ने बताया कि देब मुखर्जी की इच्छा के अनुसार अधिक से अधिक लोगों को भोजन कराने का इंतजाम किया जा रहा है।