क्या ईडी की छापेमारी में इंपीरियल ग्रुप पर लगे हैं गंभीर आरोप?

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क्या ईडी की छापेमारी में इंपीरियल ग्रुप पर लगे हैं गंभीर आरोप?

सारांश

इंपीरियल ग्रुप पर ईडी की छापेमारी में भारी आरोप लगे हैं। 80 करोड़ से अधिक की अघोषित विदेशी संपत्ति का खुलासा हुआ है। जानें इस जांच की पूरी कहानी और इसके पीछे के रहस्यों को।

Key Takeaways

  • ईडी ने इंपीरियल ग्रुप पर कार्रवाई की है।
  • 80 करोड़ रुपए से अधिक की अघोषित संपत्तियों का खुलासा हुआ है।
  • तलाशी में कई विदेशी कंपनियों के सबूत मिले हैं।
  • कई असुरक्षित ऋणों का भी खुलासा हुआ है।
  • हवाला के जरिए धन का लेन-देन किया जा रहा है।

शिमला, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 19 और 20 सितंबर को हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में छह स्थानों पर तेज़ी से तलाशी अभियान चलाया। इस कार्रवाई का मुख्य लक्ष्य इंपीरियल ग्रुप के चेयरमैन मानविंदर सिंह, उनकी पत्नी सागरी सिंह और ग्रुप से जुड़े अन्य कंपनियों/व्यक्तियों पर था।

विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत प्रारंभ की गई इस जांच में अघोषित विदेशी संपत्तियों, निवेशों और वित्तीय हितों का जाल उजागर हुआ है। ईडी ने खुफिया जानकारी के आधार पर मामला दर्ज किया था, जिसमें ग्रुप के विदेशी कारोबार में अनियमितताओं का संदेह व्यक्त किया गया था।

इंपीरियल ग्रुप एयरोस्पेस और रियल एस्टेट के क्षेत्रों में सक्रिय कंपनियों का एक समूह है, जिसके चेयरमैन मानविंदर सिंह हैं। हिमाचल के नालदेहरा में स्थित लग्जरी आवासीय परियोजना 'और्मा वैली' भी इसी ग्रुप का हिस्सा है। तलाशी के दौरान ईडी ने मानविंदर और सागरी सिंह के नाम पर विदेशी कंपनियों में अघोषित हितों के प्रमाण जब्त किए। इनमें सिंगापुर की 'एयरोस्टार वेंचर प्राइवेट लिमिटेड' और दुबई की 'यूनाइटेड एयरोस्पेस डीडब्ल्यूसी एलएलसी' प्रमुख हैं, जहां दोनों ही लाभकारी मालिक हैं। मानविंदर एकमात्र निदेशक हैं।

दुबईहांगकांग की एक अनाम संस्था से 7 करोड़ रुपए का ऋण लेकर 'रॉबिन्सन 66' हेलीकॉप्टर खरीदा, जिसे और्मा वैली के निवासियों के लिए भारत आयात किया गया। लीज भुगतान दुबई कंपनी को ही लौट रहा है, जिससे अघोषित संपत्ति बढ़ रही है। 31 मार्च 2025 तक इस कंपनी के पास 38 करोड़ रुपए की संपत्ति दर्ज की गई है।

इसके अतिरिक्त, थाईलैंड के कोह समुई में 'विला समायरा' नामक विला की खरीद (मूल्य 16 करोड़ रुपए से अधिक) का भी खुलासा हुआ, जहां सिंह दंपति और परिवार लाभार्थी हैं। ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह की कंपनियों और सिंगापुर के बैंक खातों में भी अघोषित हित पाए गए। ईडी के अनुसार, इन विदेशी संपत्तियों/हितों/खातों का कुल मूल्य 80 करोड़ रुपए से अधिक है।

हिमाचल के और्मा वैली परिसर में तलाशी से और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। समानांतर बहीखातों से पता चला कि फ्लैटों की बिक्री का 29 करोड़ रुपए नकद वसूला गया। ईडी को संदेह है कि यह नकदी हवाला या अन्य तरीकों से विदेश भेजी जा रही है, जिसके बाद अघोषित संपत्तियां खरीदी जा रही हैं या 'राउंड ट्रिपिंग' (धन को विदेश भेजकर वापस लाना) की जा रही है। यह प्रक्रिया इंपीरियल ग्रुप की रियल एस्टेट गतिविधियों से उत्पन्न धन को सफेद करने का एक माध्यम प्रतीत हो रही है।

Point of View

हमें इस मामले में निष्पक्षता से विचार करना चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई गंभीर है, और यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी और न्यायपूर्ण हों। हमें इस मामले की गहराई में जाकर यह समझने की आवश्यकता है कि यह न केवल उन व्यक्तियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
21/09/2025

Frequently Asked Questions

ईडी की छापेमारी का कारण क्या था?
ईडी ने इंपीरियल ग्रुप के विदेशी कारोबार में अनियमितताओं के संदेह में छापेमारी की।
क्या अघोषित संपत्तियों का कुल मूल्य क्या है?
इन अघोषित संपत्तियों का कुल मूल्य 80 करोड़ रुपए से अधिक है।
इंपीरियल ग्रुप किस क्षेत्र में सक्रिय है?
इंपीरियल ग्रुप एयरोस्पेस और रियल एस्टेट क्षेत्रों में सक्रिय है।