क्या ओडिशा के दवा उद्योग ने जीएसटी सुधार का स्वागत किया?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में कमी से दवाओं की कीमतें घटेंगी।
- उपभोक्ताओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
- दवा कंपनियों को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी।
संबलपुर, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के दवा उद्योग ने जीएसटी सुधार का स्वागत किया है। दारुका फार्मास्युटिकल्स के प्रमुख और संबलपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की व्यापार एवं एफएस समिति के अध्यक्ष रमेश दारुका ने केंद्र सरकार के जीएसटी सुधार के फैसले की सराहना की। उन्होंने इसे उपभोक्ताओं और दवा उद्योग, दोनों के लिए फायदेमंद बताया।
रमेश दारुका ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि पहले लगभग 80 प्रतिशत दवाओं पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था, लेकिन नए संशोधनों के बाद इनमें से अधिकांश दवाएं अब 5 प्रतिशत कर के दायरे में आ गई हैं। इससे मरीजों को दवाओं की कीमत में 2.5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक की कमी का सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा, "जीएसटी में कमी से इलाज की लागत कम होगी, जिससे आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी। यह विशेष रूप से उन परिवारों के लिए राहत की बात है जो महंगी दवाओं के बोझ तले दबे रहते हैं।"
दारुका ने यह स्पष्ट किया कि दवा कंपनियों और खुदरा विक्रेताओं को इस बदलाव से कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा, क्योंकि दवाओं की कीमतें पहले से ही सरकार के मूल्य नियंत्रण के तहत हैं। उन्होंने कहा, "मुनाफा मार्जिन सुरक्षित रहता है, और कर में कमी का पूरा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचता है।"
दारुका ने इस सुधार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए इसे 'जनहितैषी कदम' बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और दीर्घकालिक लाभ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
जिला रसायन औषधि विक्रेता संघ की अध्यक्ष और ओडिशा होटल एवं रेस्टोरेंट संघ की संयुक्त सचिव शिला सिबा प्रसाद ने भी जीएसटी सुधारों का स्वागत किया। उन्होंने इसे एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। प्रसाद ने कहा, "जीएसटी स्लैब में बदलाव से लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे उनकी खरीदारी में सहजता आएगी। इससे न केवल उपभोक्ताओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि व्यापार और अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।"
उन्होंने इस फैसले को जनहितैषी बताते हुए कहा कि आयकर स्लैब में बदलाव के साथ-साथ जीएसटी सुधारों ने मध्यम वर्ग को दोहरी राहत प्रदान की है। इससे केमिस्ट, होटल, और रेस्टोरेंट जैसे क्षेत्रों में विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी। प्रसाद ने कहा, "ऐसे कदमों से समाज के हर वर्ग को लाभ होता है। यह न केवल वित्तीय सुधार है, बल्कि देश की प्रगति की दिशा में एक मजबूत कदम है।"