क्या प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन मुद्दे पर केंद्र सरकार की नीति को शर्मनाक बताया?

सारांश
Key Takeaways
- प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार की नीति पर कड़ी आलोचना की।
- फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले देशों की सूची में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन शामिल हैं।
- भारत की विदेश नीति में संभावित बदलावों की संभावना।
- ग्लोबल स्तर पर इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर चर्चा।
- फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय का आभार प्रकट करना।
नई दिल्ली, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को फिलिस्तीन से जुड़े भारत की विदेश नीति पर केंद्र सरकार पर कड़ा हमला किया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन द्वारा फिलिस्तीन को 'स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र' के रूप में मान्यता देने के निर्णय की प्रशंसा की।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "1988 में भारत उन पहले देशों में शामिल था, जिन्होंने फिलिस्तीन को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता दी थी। उस समय, हमने मानवता और न्याय के मूल्यों को कायम रखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सही के लिए खड़े होकर दुनिया को दिशा दिखाई।"
उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन का उल्लेख करते हुए कहा कि इन देशों ने 37 साल की देरी से ही सही, फिलिस्तीन को मान्यता दी। उन्होंने लिखा, "इन देशों ने भी 37 साल की देरी से यही रास्ता अपनाया है।"
प्रियंका ने केंद्र सरकार की वर्तमान नीति की आलोचना करते हुए कहा, "पिछले 20 महीनों में फिलिस्तीन के प्रति हमारी नीति शर्मनाक और नैतिक मूल्यों से रहित रही है। यह पहले के साहसी रुख का दुखद ह्रास है।"
कांग्रेस सांसद का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर वैश्विक चर्चा तेज हो गई है। भारत ने हाल के वर्षों में इजरायल के साथ अपने रणनीतिक और रक्षा संबंधों को मजबूत किया है, जिसे विपक्ष बार-बार 'फिलिस्तीन के प्रति उदासीनता' के रूप में दिखाता है।
ज्ञात रहे कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने रविवार को एक ऐतिहासिक और समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयास के तहत फिलिस्तीन को 'स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र' के रूप में मान्यता दी है।
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का धन्यवाद करते हुए इसे 'साहसिक और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप निर्णय' बताया है।
'स्टेट्स ऑफ फिलिस्तीन' के आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा गया, "विदेश मंत्रालय और प्रवासी मंत्रालय उन देशों का स्वागत करता है और उनके प्रति आभार व्यक्त करता है, जिन्होंने फिलिस्तीन को स्वतंत्र और संप्रभु मुल्क के रूप में मान्यता दी है। यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के साहसिक निर्णयों को अंतरराष्ट्रीय कानून और वैधता प्रस्तावों के अनुरूप माना जाता है।"