क्या अपमान और प्रताड़ना ने छात्रा को खुदकुशी के लिए मजबूर किया? प्रियंका गांधी ने बालासोर की घटना पर सरकार को घेरा

सारांश
Key Takeaways
- यौन उत्पीड़न के मामलों में न्याय की मांग करना आवश्यक है।
- महिलाओं के प्रति समाज में संवेदनशीलता बढ़ानी चाहिए।
- सरकार को महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
नई दिल्ली, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने ओडिशा के बालासोर जिले में स्थित फकीर मोहन कॉलेज की छात्रा की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, "प्रधानमंत्री जी, क्या अब देश की आधी आबादी को न्याय की कोई उम्मीद छोड़ देनी चाहिए?"
प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "ओडिशा में एक और बेटी न्याय के लिए लड़ते हुए हार गई। अपने साथ हुए अत्याचार के खिलाफ उसने आवाज उठाई, लेकिन उसे मिला अपमान और प्रताड़ना। इस दोहरे अत्याचार ने उसे खुदकुशी के लिए मजबूर कर दिया। क्या देश में भाजपा का एक ही कायदा है, आरोपी के साथ खड़े होकर पीड़िता को प्रताड़ित करना और न्याय को बाधित करना?"
इससे पहले, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी बालासोर की घटना की निंदा की थी। उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया पर लिखा, "ओडिशा में इंसाफ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत सीधे-सीधे भाजपा के सिस्टम द्वारा की गई हत्या है। उस बहादुर छात्रा ने यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन उसे धमकाया गया, प्रताड़ित किया गया, और बार-बार अपमानित किया गया।"
उन्होंने पीएम मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाते हुए कहा, "मोदी जी, ओडिशा हो या मणिपुर- देश की बेटियां जल रही हैं, टूट रही हैं, और दम तोड़ रही हैं। और आप? खामोश बने बैठे हैं। देश को आपकी चुप्पी नहीं, जवाब चाहिए।"
ज्ञात हो कि यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा ने 12 जुलाई को आत्मदाह की कोशिश की, लेकिन गंभीर स्थिति के कारण तीन दिन बाद उसकी मौत हो गई।