क्या सना सईद को एक मशहूर किरदार की वजह से नई पहचान बनाने के लिए करनी पड़ी मशक्कत?

सारांश
Key Takeaways
- सना सईद ने 'छोटी अंजलि' का किरदार निभाकर प्रसिद्धि पाई।
- उन्होंने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया।
- सना ने टेलीविजन और रियलिटी शो में भी काम किया।
- उन्होंने अपने अतीत को एक ताकत के रूप में स्वीकार किया।
- आज वह एक सफल अभिनेत्री और मॉडल हैं।
मुंबई, 21 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 1998 में, जब करण जौहर की फिल्म 'कुछ कुछ होता है' रिलीज हुई, तो इसने न केवल शाहरुख खान और काजोल की जोड़ी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया, बल्कि एक छोटी सी बच्ची को भी पूरे देश में पहचान दिलाई। यह बच्ची थीं सना सईद, जिन्होंने 'छोटी अंजलि' का किरदार निभाकर दर्शकों के दिलों में अपनी मासूमियत और प्यारे डायलॉग के माध्यम से जगह बनाई।
"पापा, आपकी दोस्त अंजलि कहां है?" यह डायलॉग आज भी लोगों की जुबान पर है। समय के साथ, सना ने एक आत्मविश्वास से भरी और ग्लैमरस अभिनेत्री के रूप में अपनी नई पहचान बनाई। यह सफर आसान नहीं रहा, लेकिन सना की कहानी प्रेरणादायक है। यह एक ऐसी कहानी है, जहां एक कलाकार ने अपने अतीत को गले लगाते हुए अपने भविष्य को नया रूप दिया।
सना सईद ने महज 8 साल की उम्र में 'कुछ कुछ होता है' में अंजलि का किरदार निभाया। इस फिल्म में उनकी मासूमियत ने दर्शकों को दीवाना बना दिया। कहानी में अंजलि अपनी मां की डायरी के जरिए अपने पिता (शाहरुख खान) को उनकी खोई हुई दोस्त से मिलाने की कोशिश करती है। सना का यह किरदार कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसने न केवल फिल्म को भावनात्मक गहराई दी, बल्कि सना को लाखों दिलों में बसने का अवसर भी प्रदान किया।
बचपन में मिली इस सफलता ने सना को रातों-रात स्टार बना दिया, लेकिन यह स्टारडम एक 'दोधारी तलवार' साबित हुआ। सना की मासूम छवि इतनी गहरी थी कि लोग उन्हें उसी रूप में देखना चाहते थे। जैसे-जैसे वह बड़ी हुईं, यह छवि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई।
सना ने बतौर बाल कलाकार ‘हर दिल जो प्यार करेगा’ और ‘बादल’ जैसी फिल्मों में भी काम किया, लेकिन उनकी असली वापसी 2012 में हुई, जब करण जौहर की फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ में उन्होंने एक ग्लैमरस और बोल्ड किरदार निभाया। इस फिल्म में सना ने अपनी नई छवि के साथ दर्शकों को चौंकाया। उनकी स्टाइल, आत्मविश्वास और स्क्रीन प्रेजेंस ने सबका ध्यान खींचा। लेकिन इसके बावजूद, दर्शकों के मन में 'छोटी अंजलि' की छवि अभी भी जस की तस थी।
सना ने कई इंटरव्यूज में स्पष्ट रूप से बताया कि 'अंजलि' की पहचान उनके लिए शुरुआत में बोझ बन गई थी। लोग उन्हें सेट्स पर, सड़कों पर, हर जगह 'अंजलि' कहकर बुलाते थे। वह कहती हैं, "एक समय था जब मुझे यह सुनकर शर्मिंदगी महसूस होती थी। मुझे लगता था कि लोग मेरे नए काम को देख ही नहीं रहे।" यह एक ऐसा दौर था जब सना को अपनी पुरानी छवि से बाहर निकलने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा।
22 सितंबर 1988 को जन्मी सना सईद ने केवल फिल्मों तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने टेलीविजन की दुनिया में भी कदम रखा और 'बाबुल का आंगन छूटे ना' और 'लो हो गई पूजा इस घर की' जैसे धारावाहिकों में काम किया। इसके अलावा, रियलिटी शो ने उन्हें अपनी बहुमुखी प्रतिभा दिखाने का मौका दिया। 'झलक दिखला जा', 'नच बलिए 7' और 'खतरों के खिलाड़ी 7' में सना ने न केवल अपनी डांसिंग और स्टंट स्किल्स प्रदर्शित की, बल्कि अपनी मजबूत और बिंदास पर्सनैलिटी से दर्शकों को प्रभावित किया। इन शो ने सना को मासूम बच्ची की छवि से बाहर निकलने में मदद की और उन्हें एक आत्मविश्वास से भरी कलाकार के रूप में पेश किया।
समय के साथ सना का नजरिया बदला। उन्होंने महसूस किया कि 'छोटी अंजलि' का किरदार उनके लिए कोई अभिशाप नहीं, बल्कि एक आशीर्वाद था। वह कहती हैं, "लोगों का प्यार और उनकी यादें मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं। 'अंजलि' ने मुझे वह पहचान दी, जिसके बिना मैं शायद यहां तक नहीं पहुंच पाती।" सना ने अपने अतीत को स्वीकार किया और इसे अपनी ताकत बनाते हुए अपने नए सफर को अपनाया।
आज सना सईद न केवल एक अभिनेत्री और मॉडल हैं, बल्कि अपनी मेहनत और पैशन से लगातार नई ऊंचाइयां छू रही हैं।