क्या काशी की खूबसूरती में खोईं भाग्यश्री ने गंगा आरती से मणिकर्णिका घाट तक की यात्रा की?

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क्या काशी की खूबसूरती में खोईं भाग्यश्री ने गंगा आरती से मणिकर्णिका घाट तक की यात्रा की?

सारांश

भाग्यश्री की काशी यात्रा ने उन्हें जीवन की खूबसूरती और शांति का अनुभव कराया। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए इस अद्भुत शहर के बारे में बताया है। जानें उनकी यात्रा की खास बातें और काशी की विशेषता।

Key Takeaways

  • काशी की यात्रा ने भाग्यश्री को आध्यात्मिक शांति दी।
  • गंगा की शांति ने उनके मन को छू लिया।
  • प्राचीन मंदिरों का दौरा अद्भुत अनुभव रहा।
  • महागंगा आरती में भागीदारी ने धार्मिकता को महसूस कराया।
  • बनारस के स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिया।

मुंबई, २६ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। काशी की यात्रा से आनंदित अभिनेत्री भाग्यश्री ने साझा किया कि इस शहर में उन्हें जीवन की कई खूबसूरत चीजें और शांति मिली। वाराणसी की मनमोहक यादों को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए उन्होंने कहा कि यह शहर वास्तव में अद्भुत और कमाल है।

इंस्टाग्राम पर तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए उन्होंने लिखा, "बनारस आत्मा से जुड़ने और ब्रह्मांड के साथ एकाकार होने का स्थान है। यह यात्रा एक ठहराव थी, जो भगवान में विश्वास को और भी मजबूत करती है और भविष्य की दिशा में आत्मविश्वास से कदम बढ़ाने का मार्गदर्शन देती है।"

भाग्यश्री ने काशी के कई प्राचीन मंदिरों का दौरा किया और भगवान के दर्शन किए। उन्होंने लिखा, "हमने काशी के कोतवाल काल भैरव मंदिर, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर, महामृत्युंजय और अन्नपूर्णा मंदिरों के दर्शन किए। मैं धन्य और कृतज्ञ महसूस करती हूं। गंगा नदी की शांति देखकर ऐसा लगता है मानो यह हर भावना, डर और संदेह को सोख लेती है। ८४ घाटों की सीढ़ियां गंगा से परिचय कराती हैं, जो बारिश में चार मंजिल तक ऊपर उठ सकती हैं, लेकिन शांत रात में मां की गोद जैसी लगती हैं।"

दशाश्वमेध घाट पर महागंगा आरती का जिक्र करते हुए भाग्यश्री ने बताया कि वहां हजारों लोग प्रार्थना और शक्ति प्राप्त करने के लिए इकट्ठा होते हैं। मणिकर्णिका घाट की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वहां चिताएं कभी नहीं बुझतीं, फिर भी कोई दुख भरी चीख नहीं सुनाई देती, यहां बस जीवन की सच्चाई को चुपचाप स्वीकार करने की भावना है।

एक दिलचस्प किस्से का जिक्र करते हुए उन्होंने एसआई आर. कुशवाहा की तारीफ की, जो ५ मिनट तक लगातार शंख बजा सकते हैं। अभिनेत्री ने बताया कि यह देखना अद्भुत था कि वह इतने लंबे समय तक शंख बजा सकते हैं, यह फेफड़ों की अद्भुत शक्ति है! भाग्यश्री ने बनारस के स्वादिष्ट स्ट्रीट फूड और असली बनारसी बुनाई की खरीदारी का भी आनंद लिया।

उन्होंने लिखा कि बनारस उन्हें कभी हैरान करना बंद नहीं करता और उम्मीद है कि यह शहर उन्हें हमेशा बुलाता रहेगा।

Point of View

जो इस बात को दर्शाते हैं कि धार्मिक स्थल न केवल आध्यात्मिक बल्कि मानसिक शांति का भी स्रोत होते हैं। काशी की संस्कृति और धार्मिकता को समझना आज के समय में और भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

भाग्यश्री ने काशी में कौन-कौन से मंदिर देखे?
भाग्यश्री ने काशी के कोतवाल काल भैरव मंदिर, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन हनुमान मंदिर, महामृत्युंजय और अन्नपूर्णा मंदिरों के दर्शन किए।
महागंगा आरती का महत्व क्या है?
महागंगा आरती वाराणसी में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जहां हजारों लोग एकत्रित होकर प्रार्थना करते हैं।
मणिकर्णिका घाट के बारे में क्या खास है?
मणिकर्णिका घाट पर चिताएं कभी नहीं बुझतीं, यह जीवन के सत्य को स्वीकारने का स्थान है।
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