क्या गुरु दत्त की पोती करुणा ने उनके शौक का खुलासा किया? 'दादा जी को था सब्जियां उगाने का शौक'

Click to start listening
क्या गुरु दत्त की पोती करुणा ने उनके शौक का खुलासा किया? 'दादा जी को था सब्जियां उगाने का शौक'

सारांश

गुरु दत्त की 100वीं जयंती पर उनकी पोतियों ने उनके शौक और पारिवारिक जीवन के बारे में दिलचस्प बातें साझा की हैं। क्या आपको पता है कि दादा जी को सब्जियां उगाने का कितना शौक था? जानिए उनके जीवन की अनसुनी कहानियां।

Key Takeaways

  • गुरु दत्त को सब्जियां उगाने का शौक था।
  • उनका परिवार उनके शौक और पारिवारिक जीवन को याद करता है।
  • गुरु दत्त की फिल्में आज भी दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ती हैं।

मुंबई, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिभाशाली और रहस्यमय फिल्मकार एवं अभिनेता गुरु दत्त को आज भी लोग उनकी बेहतरीन फिल्मों और भावनात्मक अभिव्यक्ति के लिए याद करते हैं। इस साल उनकी 100वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर उनके परिवार ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके पोतियों ने भी उनके शौक के बारे में कुछ दिलचस्प बातें साझा कीं।

गुरु दत्त की जयंती पर राष्ट्र प्रेस को दिए एक विशेष इंटरव्यू में फिल्म निर्माता की पोतियों गौरी और करुणा दत्त ने उनकी निजी जिंदगी, शौक और पारिवारिक जीवन से जुड़े राज का खुलासा किया।

जब राष्ट्र प्रेस ने उनसे पूछा, "हमने सुना है कि गुरु दत्त हमेशा काम में बिजी रहते थे। तो क्या वे परिवार के साथ छुट्टियों पर जा पाते थे?"

गौरी ने उत्तर दिया, "मुझे लगता है कि वे कोशिश करते थे कि जितना हो सके, परिवार के साथ समय बिताएं। जब भी वे किसी फिल्म की शूटिंग के लिए बाहर होते थे, तो चिट्ठियां लिखते थे और काम खत्म होने पर छुट्टियों की योजना भी बनाते थे।"

करुणा ने कहा, "हमारा लोनावला में एक फार्महाउस था, और मेरे पापा की उस जगह से बहुत खास यादें जुड़ी हैं। उन्होंने वहां बहुत समय बिताया था। वो जगह बहुत सादा थी; वहां कोई बड़ा या आलीशान बंगला नहीं था। मेरे दादा वहां चूजों का अंडों से निकलना दिखाते थे, और हां, उन्हें सब्जियां उगाने का बहुत शौक था। वे हमेशा कोशिश करते थे कि बच्चों में जिंदगी के प्रति जिज्ञासा पैदा हो।"

गुरु दत्त की याद में हाल ही में उनकी छह फिल्मों को डिजिटली रीस्टोर कर देशभर के सिनेमाघरों में फिर से रिलीज किया गया। इनमें 'प्यासा', 'बाज', और 'चौदहवीं का चांद' जैसी फिल्में शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य नई पीढ़ी को गुरु दत्त की सिनेमाई विरासत से रूबरू कराना है।

बता दें कि गुरु दत्त 1940 और 1950 के दशक में खासे सक्रिय रहे। उन्होंने 'प्यासा', 'साहिब बीबी और गुलाम', 'चौदहवीं का चांद', 'मिस्टर एंड मिसेज 55' जैसी कई बेहतरीन फिल्में दीं। अपने करियर में उन्होंने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी।

महज 39 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। गुरु दत्त के बेटे अरुण दत्त ने एक इंटरव्यू में कहा था, "मेरे पिता को नींद न आने की समस्या थी। वे अकसर नींद की गोलियां लेते थे, जैसा आम लोग करते हैं। उस रात वे शराब के नशे में थे और नींद की गोलियों की ओवरडोज ले ली थी, जिससे उनकी मौत हो गई।"

Point of View

NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

गुरु दत्त का प्रमुख शौक क्या था?
गुरु दत्त को सब्जियां उगाने का बहुत शौक था।
गुरु दत्त की कौन-कौन सी फिल्में प्रसिद्ध हैं?
गुरु दत्त की प्रसिद्ध फिल्मों में 'प्यासा', 'साहिब बीबी और गुलाम', और 'चौदहवीं का चांद' शामिल हैं।
गुरु दत्त का निधन कब हुआ था?
गुरु दत्त का निधन 39 साल की उम्र में हुआ।