क्या सिर्फ प्रतिभा ही स्टार बनाती है, या मेहनत भी जरूरी है?: पीयूष मिश्रा

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क्या सिर्फ प्रतिभा ही स्टार बनाती है, या मेहनत भी जरूरी है?: पीयूष मिश्रा

सारांश

ग्वालियर के युवा कलाकारों की प्रतिभा को निखारने के लिए नए प्रयास किए जा रहे हैं। पीयूष मिश्रा ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि दशकों की मेहनत और संघर्ष ही असली स्टार बनाते हैं। जानें उनके विचार और ग्वालियर के कलाकारों के लिए क्या जरूरी है।

Key Takeaways

  • दशकों की मेहनत महत्वपूर्ण है।
  • ग्वालियर में एक्टिंग स्कूलों की आवश्यकता है।
  • धर्मेंद्र की विरासत को आगे बढ़ाना सभी कलाकारों की जिम्मेदारी है।
  • थिएटर से करियर की शुरुआत महत्वपूर्ण होती है।
  • कड़ी मेहनत ही असली स्टार बनाती है।

मुंबई, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ग्वालियर ने सदैव कला और संस्कृति में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है, और अब वहाँ के युवा कलाकारों की प्रतिभा को निखारने के लिए कुछ नये प्रयास किये जा रहे हैं। इसी संदर्भ में, बॉलीवुड और थिएटर के बहुआयामी अभिनेता पीयूष मिश्रा ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने ग्वालियर के युवाओं के लिए कई प्रेरणादायक बातें कहीं।

राष्ट्र प्रेस को दिए गए एक साक्षात्कार में पीयूष मिश्रा ने कहा कि उनका करियर एक लंबे और निरंतर प्रयास का नतीजा है। उन्होंने अपने जीवन के प्रारंभिक दिनों को याद करते हुए कहा, ''मैं ग्वालियर से आया था और अपनी मेहनत के बल पर धीरे-धीरे ऊपर उठा। इस यात्रा को केवल देखकर ही लोग प्रेरणा ले सकते हैं। मैंने 40-50 साल पहले शुरुआत की थी। आज मैं इतना बड़ा आदमी तो नहीं हूं, लेकिन जितना भी हूं और पहले कुछ भी नहीं था, यह यात्रा देखी जानी चाहिए। दशकों तक काम करते रहना आवश्यक है। 40 साल तक लगातार मेहनत करनी होगी। स्टार बनने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।''

ग्वालियर के कलाकारों और एक्टिंग स्कूल की आवश्यकता पर मिश्रा ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, ''ग्वालियर में भी भोपाल और दिल्ली जैसे एक्टिंग स्कूलों की आवश्यकता है। यहाँ के युवा कलाकार हमेशा सीखने और आगे बढ़ने के लिए तत्पर रहते हैं। यदि यहाँ एक्टिंग स्कूल खोले जाएं, तो ग्वालियर के लोग भी अपनी प्रतिभा को निखार सकते हैं और इंडस्ट्री में बेहतर मौके प्राप्त कर सकते हैं।''

धर्मेंद्र के निधन पर भी उन्होंने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। मिश्रा ने कहा, ''यह जीवन का नियम है कि जो आता है, वह चला भी जाता है। धर्मेंद्र ने भारतीय सिनेमा में अपनी विशिष्ट छवि बनाई और उनके जाने से इंडस्ट्री का एक युग समाप्त हो गया है। उनकी परंपरा और कार्य को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब सभी कलाकारों और इंडस्ट्री पर है।''

उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र की विरासत को बनाए रखने के लिए कलाकारों को लगातार सक्रिय और मेहनती रहना होगा।

पीयूष मिश्रा ने थिएटर से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में फिल्मों, गीत लेखन और संगीत निर्देशन में अपनी छाप छोड़ी। 'गगन दमामा बाज्यो' जैसे नाटकों से लेकर 'दिल से', 'गुलाल', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'शमशेरा' जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय और गीत लेखन दोनों से आलोचकों और दर्शकों का दिल जीता। उन्होंने ना केवल अभिनय किया बल्कि कई फिल्मों में गीत भी लिखे और गाए, जिससे उनकी कला का दायरा और भी व्यापक हुआ।

Point of View

पीयूष मिश्रा का यह बयान न केवल ग्वालियर के युवाओं को प्रेरित करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि सफलता के पीछे केवल प्रतिभा नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत भी आवश्यक है। यह विचार हमारे समाज में कलाकारों के प्रति सम्मान बढ़ाने का कार्य करेगा।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या पीयूष मिश्रा ने ग्वालियर के युवाओं के लिए कोई सलाह दी?
हाँ, उन्होंने कहा कि ग्वालियर में एक्टिंग स्कूलों की आवश्यकता है जिससे युवा कलाकार अपनी प्रतिभा को निखार सकें।
पीयूष मिश्रा का करियर किस प्रकार की मेहनत पर आधारित है?
उन्होंने बताया कि उनका करियर दशकों की मेहनत और संघर्ष का परिणाम है।
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