क्या 'रांझणा' एआई विवाद में आनंद एल राय के समर्थन में फरहान अख्तर?

सारांश
Key Takeaways
- एआई का इस्तेमाल रचनात्मकता में हो रहा है, लेकिन सहमति आवश्यक है।
- फरहान अख्तर ने रचनाकारों का समर्थन किया है।
- फिल्म का मूल अंत बदलने से भावनात्मक सार प्रभावित होता है।
मुंबई, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2013 की सफल फिल्म ‘रांझणा’ के तमिल संस्करण ‘अंबिकापति’ के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की सहायता से बदले गए अंत ने बॉलीवुड में एक बड़ा विवाद उत्पन्न कर दिया है।
फिल्म के निर्माता, इरोज इंटरनेशनल ने निर्देशक आनंद एल. राय और मुख्य अभिनेता धनुष की सहमति के बिना फिल्म का अंत बदलकर इसे 1 अगस्त को पुनः प्रदर्शित किया। इस कदम को कई अभिनेताओं ने गलत और रचनात्मकता के साथ खिलवाड़ बताया है।
फिल्म उद्योग के प्रसिद्ध अभिनेता-निर्माता फरहान अख्तर ने इस मामले में आनंद एल. राय का समर्थन किया है।
मंगलवार को मुंबई के लोअर परेल में अपनी आगामी फिल्म ‘120 बहादुर’ के ट्रेलर लॉन्च इवेंट में पहुंचे फरहान ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा फिल्म के रचनाकार के साथ खड़ा रहूंगा। अगर रचनाकार अपनी रचना में बदलाव से नाखुश हैं, तो मेरा समर्थन उनके साथ होगा। मुझे इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन मेरा रुख यही है।”
फरहान के बिजनेस पार्टनर और एक्सेल एंटरटेनमेंट के सह-मालिक रितेश सिधवानी ने भी उनकी बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “एआई को सही और प्रभावी तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जैसे पहले हम लाइब्रेरी में किताबें पढ़कर शोध करते थे, फिर गूगल आया और अब एआई है। लेकिन, बिना रचनाकार की सहमति के बदलाव करना ठीक नहीं है। मैंने इस बदले हुए अंत को नहीं देखा, लेकिन सुना और पढ़ा है। अगर फिल्म निर्माता, अभिनेता या अन्य शामिल लोग सहमत नहीं हैं, तो यह गलत है। एआई का इस्तेमाल समझदारी से करना चाहिए।”
‘रांझणा’ की मूल कहानी में धनुष के किरदार कुंदन की मृत्यु हो जाती है, लेकिन एआई से बदले गए अंत में वह जीवित रहता है। इस बदलाव ने फिल्म के भावनात्मक सार को प्रभावित किया है, जिसके खिलाफ आनंद और धनुष ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है।
उद्योग के अन्य निर्देशक जैसे कबीर खान और नीरज पांडे ने भी इसे गलत बताया है।