क्या एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान से 5 करोड़ से अधिक लोग हाइपरटेंशन और 3 करोड़ से ज्यादा डायबिटीज से ग्रसित हैं?

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क्या एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान से 5 करोड़ से अधिक लोग हाइपरटेंशन और 3 करोड़ से ज्यादा डायबिटीज से ग्रसित हैं?

सारांश

हमारे देश में बढ़ते गैर-संचारी रोगों की चिंता बढ़ रही है। हाल ही में हुए एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान में 5.13 करोड़ लोग हाइपरटेंशन और 3.45 करोड़ लोग डायबिटीज से प्रभावित पाए गए हैं। क्या यह एक चेतावनी है कि हमें स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है?

Key Takeaways

  • 5.13 करोड़ लोग हाइपरटेंशन से प्रभावित हैं।
  • 3.45 करोड़ लोग डायबिटीज के शिकार हैं।
  • एनपी-एनसीडी कार्यक्रम 2016 में शुरू हुआ।
  • उच्च रक्तचाप की जांच 38.9 करोड़ लोगों पर की गई।
  • कैंसर स्क्रीनिंग में 32.8 करोड़ लोगों की भागीदारी हुई।

नई दिल्ली, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम और नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपी-एनसीडी) के अंतर्गत पूरे देश में 5.13 करोड़ से अधिक वयस्कों में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) और 3.45 करोड़ लोगों में मधुमेह (डायबिटीज) का पता लगाया गया है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने संसद के मानसून सत्र के दौरान साझा की।

उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम पहले एनपीसीडीसीएस के नाम से जाना जाता था, जिसे अब एनपी-एनसीडी के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत वर्ष 2016 में प्रारंभ किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य जागरूकता, प्रारंभिक पहचान, प्रबंधन और उपयुक्त स्वास्थ्य संस्थानों में रेफरल सुनिश्चित करना है।

जाधव ने कहा, “30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को लक्षित कर इस पहल के तहत अब तक देशभर में 38.9 करोड़ से अधिक लोगों की उच्च रक्तचाप की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 5.13 करोड़ को यह बीमारी पाई गई और 4.74 करोड़ का इलाज चल रहा है।”

डायबिटीज के मामले में मंत्री ने कहा कि अब तक 38.7 करोड़ से ज्यादा लोगों की जांच की गई, जिनमें 3.45 करोड़ को डायबिटीज का निदान हुआ और 2.83 करोड़ का उपचार जारी है।

इसके साथ ही मौखिक, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर की स्क्रीनिंग भी की गई। मौखिक कैंसर के लिए 32.8 करोड़ से अधिक लोगों की जांच की गई, जिसमें पाए गए मामलों में से 94 प्रतिशत का इलाज चल रहा है। स्तन कैंसर के लिए 17.2 करोड़ महिलाओं की जांच की गई, जिनमें 41,386 मामलों की पुष्टि हुई। साथ ही, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर के लिए 10.2 करोड़ से ज्यादा जांचें हुईं, जिनमें 90,291 मामलों की पहचान हुई है।

राज्य मंत्री ने बताया कि जिलों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के स्तर पर एनसीडी से निपटने के लिए बुनियादी ढांचा मजबूत किया गया है। यहां प्रशिक्षित फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों जैसे आशा और एएनएम के माध्यम से रोकथाम, नियंत्रण और जांच सेवाएं दी जा रही हैं।

इसके अलावा, टर्शियरी कैंसर केयर सुविधाओं को मजबूत करने की योजना के तहत, राज्य कैंसर संस्थानों (एससीआई) को अधिकतम 120 करोड़ रुपए और टर्शियरी कैंसर केयर सेंटर (टीसीसीसी) को 45 करोड़ रुपए तक की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।

अब तक देशभर में 19 राज्य कैंसर संस्थान और 20 टर्शियरी केयर सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है, जो उन्नत कैंसर देखभाल, निदान, शोध और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि हमारे देश में गैर-संचारी रोगों की बढ़ती संख्या एक गंभीर चिंता का विषय है। देश के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती प्रदान करने और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है, ताकि हम इन बीमारियों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ सकें।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

एनसीडी क्या है?
एनसीडी का अर्थ गैर-संचारी रोग है, जो उन बीमारियों को संदर्भित करता है जो संक्रमण के बिना होती हैं। इनमें हाइपरटेंशन, डायबिटीज, कैंसर आदि शामिल हैं।
क्या मैं एनसीडी से बच सकता हूँ?
जी हाँ, स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से एनसीडी से दूर रह सकते हैं।