क्या सीएम रेवंत रेड्डी को नदी जल मुद्दों की समझ नहीं है?

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क्या सीएम रेवंत रेड्डी को नदी जल मुद्दों की समझ नहीं है?

सारांश

के. टी. रामाराव ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर नदी जल प्रबंधन की समझ नहीं होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार के सिंचाई मंत्रियों को खतरनाक रूप से अज्ञानी बताया और किसानों के हक की लड़ाई में बीआरएस की प्रतिबद्धता की बात कही।

Key Takeaways

  • के. टी. रामाराव ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्हें नदी जल प्रबंधन की समझ नहीं है।
  • कांग्रेस सरकार के सिंचाई मंत्रियों को “खतरनाक रूप से अज्ञानी” करार दिया गया।
  • बीआरएस ने किसानों के हक के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

हैदराबाद, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव (केटीआर) ने मंगलवार को मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर नदी जल मामलों की “जरा भी समझ नहीं” होने का आरोप लगाया और कांग्रेस सरकार के सिंचाई मंत्रियों को “खतरनाक रूप से अज्ञानी” बताया।

नलगोंडा स्थित बीआरएस पार्टी कार्यालय में नवनिर्वाचित सरपंचों, उप-सरपंचों और वार्ड सदस्यों के सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए केटीआर ने जमीनी स्तर के जनप्रतिनिधियों को जीत की बधाई दी और कहा कि उनकी सफलता से पार्टी में नया जोश और आत्मविश्वास आया है।

केटीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ध्यान भटकाने की राजनीति और केस ड्रामा में लगी है, क्योंकि वह सिंचाई परियोजनाओं और शासन से जुड़े उन गंभीर सवालों का जवाब देने में विफल रही है, जो पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने उठाए हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि पर्दे के पीछे से खबरें लीक करना बंद करें और कैमरों के सामने आकर साफ बताएं कि वे कौन-कौन से मामले दर्ज करना चाहते हैं।

“आप गृह मंत्री भी हैं। अगर हिम्मत है तो सीधे सामने आकर बोलें, चिट-चैट और लीक के पीछे मत छिपिए,” केटीआर ने कहा।

कृष्णा नदी के जल बंटवारे के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए केटीआर ने कहा कि मुख्यमंत्री को नदी जल प्रबंधन की बुनियादी समझ भी नहीं है। उन्होंने सिंचाई मंत्रियों द्वारा पानी से जुड़े सवालों के जवाब देने में असमर्थता जताने और “बेतुके बयान” देने का मजाक उड़ाया तथा आरोप लगाया कि वे किसानों की जरूरतों से पूरी तरह कटे हुए हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं।

केटीआर ने कहा कि जहां केसीआर कृष्णा नदी में तेलंगाना के हक के लिए मजबूती से लड़ रहे हैं, वहीं कांग्रेस सरकार में न तो क्षमता है और न ही साहस कि वह इस पर जवाब दे सके।

उन्होंने पालमुरु–रंगारेड्डी लिफ्ट सिंचाई परियोजना जैसी अहम योजनाओं में जानबूझकर बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीआरएस सरकार ने 90 प्रतिशत काम पूरा कर दिया था, लेकिन मौजूदा सरकार दो साल में बाकी 10 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं कर पाई।

उन्होंने कहा कि डीपीआर जमा न करना और परियोजना के दायरे को घटाने की कोशिशें तेलंगाना के हितों से विश्वासघात हैं।

सहकारी समितियों के मुद्दे पर केटीआर ने कांग्रेस सरकार को चुनौती दी कि अगर वह वास्तव में किसानों के साथ न्याय करने का दावा करती है तो तुरंत चुनाव कराए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जनता के गुस्से से डरती है और इसलिए चुनाव से बचते हुए नामांकन के जरिए पद भर रही है।

केटीआर ने कहा कि हालिया सरपंच चुनावों के नतीजों से किसानों और कृषि मजदूरों में व्याप्त नाराजगी साफ दिखाई देती है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने रैयतू बंधु को किरायेदार किसानों तक बढ़ाने, कृषि मजदूरों को आर्थिक सहायता और अन्य कल्याणकारी वादों को छोड़ दिया है और अपनी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए केसीआर के खिलाफ केस लीक कर रही है।

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अर्जुन की तरह लक्ष्य पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित रखने की अपील करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार से उसके अधूरे “420 वादों” पर जवाब मांगते रहना चाहिए।

केटीआर ने स्पष्ट किया कि बीआरएस न तो धमकियों से डरेगी और न ही मामलों से, बल्कि तेलंगाना के किसानों को न्याय मिलने तक सार्वजनिक मंच पर अपनी लड़ाई जारी रखेगी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जल प्रबंधन एक महत्वपूर्ण विषय है, जो किसानों और राज्य की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बावजूद, वास्तविकता यह है कि जल संकट से निपटने के लिए ठोस नीतियों की आवश्यकता है।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

के. टी. रामाराव ने किस मुद्दे पर रेवंत रेड्डी पर आरोप लगाया?
के. टी. रामाराव ने रेवंत रेड्डी पर नदी जल प्रबंधन की समझ न होने का आरोप लगाया।
कांग्रेस सरकार के सिंचाई मंत्रियों पर क्या आरोप लगाए गए हैं?
उन पर खतरनाक रूप से अज्ञानी होने का आरोप लगाया गया है।
बीआरएस पार्टी ने किसानों के लिए क्या कहा है?
बीआरएस ने किसानों के हक की लड़ाई जारी रखने का वचन दिया है।
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