क्या मत्स्यासन से मेटाबॉलिज्म बढ़ाना और पेट की चर्बी कम करना संभव है?
सारांश
Key Takeaways
- मत्स्यासन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।
- यह पेट की चर्बी को कम करने में मददगार है।
- पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
- तनाव कम करने में सहायक है।
- सही तरीके से करने पर रक्त संचार में सुधार होता है।
मुंबई, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की व्यस्त दिनचर्या में हर कोई अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग है, लेकिन ऑफिस में लंबे समय तक बैठना, अनियमित खानपान, तनाव और थकान के चलते मोटापा एक गंभीर समस्या बन गया है। समय की कमी के कारण लोग जिम या व्यायाम नहीं कर पाते हैं। ऐसे में 'मत्स्यासन' एक ऐसा योगासन है, जो मोटापे को घटाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
इसका नियमित अभ्यास मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, पाचन तंत्र को मजबूत करता है, और कब्ज'मत्स्यासन' संस्कृत शब्दों से बना है, जिसमें 'मत्स्य' का अर्थ मछली और 'आसन' का अर्थ है बैठने की मुद्रा।
वास्तव में, यह आसन करते समय शरीर की मुद्रा मछली जैसी होती है, जिसमें छाती को ऊपर उठाया जाता है और सिर को पीछे की ओर झुकाया जाता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, मत्स्यासन पेट की मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे वहां जमा फैट, कब्ज और पाचन तंत्र में सुधार होता है। इसके साथ ही, रीढ़ की हड्डी लचीली होती है, और तनाव को कम करने में मदद मिलती है।
इस आसन को सही तरीके से करने पर पेट की नसों और मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और फैट धीरे-धीरे कम होने लगता है।
इसे करने की विधि सरल है। योगा मैट पर पीठ के बल लेटें, पैर सीधे मिलाकर रखें। हाथों को कूल्हों के नीचे रखें, हथेलियां नीचे की ओर रखें। कोहनियों से सहारा लेकर सांस भरते हुए छाती और सिर को ऊपर उठाएं। सिर का पिछला हिस्सा जमीन पर टिकाएं, लेकिन वजन कोहनियों पर रखें (गर्दन पर दबाव न डालें)। अपनी क्षमता अनुसार कुछ सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें, गहरी सांस लें। सामान्य स्थिति में लौटें। शुरुआत में 3-5 बार दोहराएं।
हालांकि, शुरुआत में इसे करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन अभ्यास के साथ यह आसान हो जाएगा। माइग्रेन या गर्दन/पीठ की गंभीर चोट वाले लोगों को इससे बचना चाहिए या किसी विशेषज्ञ की सलाह पर ही करें।