क्या कीर्ति सुरेश ने दिवंगत दोस्त को याद करते हुए कहा- 'खालीपन कोई भी नहीं भर सकता'?

सारांश
Key Takeaways
- दोस्ती का खालीपन कभी नहीं भर सकता।
- संघर्ष और साहस की कहानी।
- आधुनिक समाज में दोस्ती का महत्व।
- जीवन की चुनौतियों का सामना कैसे करें।
- कीर्ति सुरेश का योगदान भारतीय सिनेमा में।
चेन्नई, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री कीर्ति सुरेश अपनी बचपन की दोस्त मनीषा को याद करते हुए भावुक हो गईं, जो अब हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, एक दोस्त को खोने का खालीपन कभी नहीं भरा जा सकता।
कीर्ति सुरेश ने अपनी दोस्त के लिए एक भावुक पोस्ट साझा की थी। उन्होंने लिखा, "पिछले कुछ हफ्ते मेरे लिए बेहद कठिन रहे हैं। यह विश्वास करना मुश्किल है कि मेरी बचपन की दोस्त इतनी जल्दी हमें छोड़ गई।"
"उसकी उम्र केवल 21 वर्ष थी जब उसे ब्रेन ट्यूमर का पता चला। उसने लगभग आठ साल तक अदम्य साहस के साथ इस बीमारी से संघर्ष किया। मैंने कभी किसी में इतनी हिम्मत नहीं देखी, जब उसने पिछले नवंबर में अपनी तीसरी सर्जरी कराई थी। उस सर्जरी के बाद जब मैं उससे मिली, तो वह रो रही थी और कहा कि वह और दर्द सहन नहीं कर सकती। मैंने अपने जज्बातों को दबा कर रखा, लेकिन जैसे ही मैं बाहर निकली, मैंने अपने चश्मे और मास्क पहन लिए और अस्पताल के कॉरिडोर में रोती रही।"
"मैं उस आखिरी बार का जिक्र नहीं करना चाहती जब मैंने उसे बेहोशी की अवस्था में देखा था। मैं बार-बार खुद से यही सवाल करती रही कि ऐसा क्यों हुआ... एक इतनी युवा लड़की के साथ, जिसने अभी अपनी जिंदगी की शुरुआत भी नहीं की थी और जिसके कई सपने अधूरे रह गए। आज तक मुझे इसका कोई जवाब नहीं मिला। उसका ट्यूमर इतना गंभीर था कि वह जल्दी जा सकती थी, लेकिन उसने अपनी आखिरी सांस तक लड़ाई जारी रखी।"
गौरतलब है कि कीर्ति सुरेश ने तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम किया है। फिल्म 'महानती' के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जिसमें उन्होंने दिग्गज अभिनेत्री सावित्री का किरदार निभाया था।