क्या अंतरराष्ट्रीय पहचान खास होती है, लेकिन घरेलू दर्शकों की प्रशंसा अधिक मायने रखती है?

सारांश
Key Takeaways
- इम्तियाज अली की फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित है।
- इस फिल्म को एमी अवॉर्ड्स में नामांकित किया गया है।
- अंतरराष्ट्रीय पहचान और घरेलू दर्शकों की सराहना का संतुलन आवश्यक है।
- दिलजीत दोसांझ ने मुख्य भूमिका निभाई है।
- यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है।
मुंबई, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक इम्तियाज अली ने पंजाबी लोक गायक अमर सिंह चमकीला की जीवन-कथा पर आधारित एक बायोपिक बनाई है। इस फिल्म में सिंगर और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने मुख्य भूमिका निभाई है।
फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध एमी अवॉर्ड्स में दो नामांकन प्राप्त हुए हैं। इसके चलते इस फिल्म की अंतरराष्ट्रीय चर्चा फिर से तेज हो गई है।
इस विषय पर निर्देशक इम्तियाज अली ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत की। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पहचान महत्वपूर्ण होती है, लेकिन घरेलू दर्शकों की सराहना ज्यादा मायने रखती है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या भारतीय फिल्म इंडस्ट्री अभी भी पश्चिमी मान्यता की तलाश में है और क्या औपनिवेशिक प्रभाव अब भी मौजूद है?
इम्तियाज अली ने कहा, "मुझे नहीं पता कि यह औपनिवेशिक है या नहीं। लेकिन किसी भी देश के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान हमेशा खास होती है। हमारे लिए भी, यह एक महत्वपूर्ण बात है। हालाँकि, यह हमारे लिए विशेष इसलिए है क्योंकि हम जिन दर्शकों के लिए यह फिल्म बना रहे हैं, वे पहले भारतीय हैं। अगर हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है, तो यह हमारे लिए एक ‘सोने पे सुहागा’ है।"
यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है। नेटफ्लिक्स इंडिया की उपाध्यक्ष मोनिका शेरगिल ने भी इम्तियाज अली की बातों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "यह खेलों की तरह है, जब आप किसी टूर्नामेंट में जाते हैं तो आप जीतना चाहते हैं क्योंकि आप अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। हमारे लोग चाहते हैं कि उनकी फिल्में भारत में सफल हों। जब आप अपनी संस्कृति की कहानियाँ अधिक लोगों तक पहुँचाते हैं, तो यह खुशी की बात है।"
फिल्म ‘अमर सिंह चमकीला’ का एमी अवॉर्ड्स तक पहुँचना पंजाब के लोकगीतों और उनके गायकों की कहानी को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाने में सहायक होगा।