क्या देश को कांग्रेस की विचारधारा की आवश्यकता है: अशोक गहलोत?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस की विचारधारा की आवश्यकता पर जोर
- चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल
- हिंसा और ध्रुवीकरण पर चिंता
- महात्मा गांधी के सिद्धांतों का प्रचार
- नई पीढ़ी के लिए शांति और अहिंसा का महत्व
राजस्थान, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को उदयपुर की यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'वोट चोर गद्दी छोड़' बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश को कांग्रेस की विचारधारा की अत्यंत आवश्यकता है।
कांग्रेस का 'वोट चोर गद्दी छोड़' अभियान पूरे देश में जारी है, जिसमें प्रदेश, जिला, ब्लॉक और मंडल कमेटियां सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। गहलोत ने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा और कहा कि आयोग का कार्य शिकायत मिलने पर जांच करना है, न कि बहस करना। जब वोट चोरी के मुद्दे पर सवाल उठाए जाते हैं, तो भाजपा जवाब देती है। वर्तमान में देश में अराजकता का माहौल व्याप्त है।
अशोक गहलोत ने देश में बढ़ती हिंसा और जाति-धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी धर्मों, जातियों और भाषाओं के लोग एक साथ रहें, इसके लिए कांग्रेस की विचारधारा अनिवार्य है। उनका उद्देश्य देश को एकजुट और मजबूत बनाना है।
गहलोत ने महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के कार्यक्रम में शांति और अहिंसा पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि राजस्थान शायद देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां शांति और अहिंसा विभाग स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य नई पीढ़ी को महात्मा गांधी के सिद्धांतों से शिक्षित करना है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में लगभग हर ब्लॉक में 50 से 150 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया, जो अब गांधी विचार को आगे बढ़ा रहे हैं।
गहलोत ने यह भी जानकारी दी कि वे अपने दौरे के दौरान गांधी दर्शन समिति की बैठकें कर रहे हैं ताकि गांधी जी के व्यक्तित्व और कार्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने महान वैज्ञानिक आइंस्टीन के कथन का उल्लेख किया कि आने वाली पीढ़ी को विश्वास नहीं होना चाहिए कि गांधी जैसा व्यक्ति इस धरती पर था।