क्या राजू श्रीवास्तव ने पूरी रात अमिताभ बच्चन की मिमिक्री की और मेहनताना मिला सिर्फ 50 रुपए?

Click to start listening
क्या राजू श्रीवास्तव ने पूरी रात अमिताभ बच्चन की मिमिक्री की और मेहनताना मिला सिर्फ 50 रुपए?

सारांश

राजू श्रीवास्तव की अद्वितीय कॉमेडी यात्रा में एक दिलचस्प किस्सा है जब उन्होंने पूरी रात अमिताभ बच्चन की मिमिक्री की और मेहनताना मात्र 50 रुपए मिला। यह कहानी न केवल उनकी संघर्ष की गाथा है, बल्कि उनकी अद्भुत प्रतिभा और हिम्मत को भी दर्शाती है।

Key Takeaways

  • राजू श्रीवास्तव की कॉमेडी ने उन्हें हर उम्र के दर्शकों का प्रिय बना दिया।
  • उनका किरदार गजोधर भैया भारतीय कॉमेडी का प्रतीक बन गया।
  • उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी प्रेरणादायक है।
  • बचपन से ही अमिताभ बच्चन के प्रति उनकी दीवानगी ने उन्हें आगे बढ़ाया।
  • कड़ी मेहनत और लगन से उन्होंने सफलता हासिल की।

मुंबई, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजू श्रीवास्तव भारत के सबसे प्रसिद्ध कॉमेडियनों में से एक थे। उनके जोक्स और अद्भुत किरदार इतने चर्चित हुए कि आज भी लोग उन्हें भुला नहीं पाए हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग और मस्ती भरे अंदाज ने दर्शकों को हंसी से लोटपोट कर दिया। आम आदमी से जुड़े उनके किरदार गजोधर भैया, जीजा, और फूफा—हर एक में उन्होंने जान डाल दी।

गजोधर भैया का किरदार इतना चर्चित हुआ कि यह राजू श्रीवास्तव की पहचान बन गया। उनके कई चुटकुले ऐसे थे कि उन पर सोशल मीडिया पर मीम्स भी बने।

25 दिसंबर 1963 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मे राजू श्रीवास्तव कॉमेडी की दुनिया में ऐसा नाम बन गए, जिसने हंसी को भारतीय घरों का हिस्सा बना दिया। वे भारतीय कॉमेडी जगत के अजेय सितारे थे, जिनकी अदाकारी और हास्य कला ने लोगों के दिलों में हमेशा के लिए जगह बना ली।

90 और 2000 के दशक में टीवी शो और अन्य कार्यक्रमों में उनके हिट परफॉर्मेंस ने राजू श्रीवास्तव को पूरे देश में लोकप्रिय बना दिया। उनकी कॉमिक टाइमिंग, चेहरे के हाव-भाव और सीधे दिल तक पहुंचने वाली पंचलाइन ने उन्हें हर उम्र के दर्शकों का पसंदीदा बना दिया।

राजू श्रीवास्तव सिर्फ एक कॉमेडियन नहीं थे, बल्कि एक प्रेरणा भी थे, जिन्होंने साबित किया कि हास्य के माध्यम से भी जीवन में गहरी बातें कही जा सकती हैं।

उनके जीवन का एक दिलचस्प किस्सा भी है जो राजू श्रीवास्तव के संघर्ष के दिनों से जुड़ा है। इसका जिक्र उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में किया था। राजू श्रीवास्तव कई बार बता चुके हैं कि वे अभिनेता अमिताभ बच्चन के बहुत बड़े फैन हैं।

बचपन में वह घरवालों से छुपकर उनकी फिल्में स्कूल से भागकर देखने जाते थे। वह बचपन से ही अमिताभ की मिमिक्री करते आ रहे हैं। जब वह अपने छोटे से परिवार के साथ मुंबई में आए थे, तो उनके पास न कोई बड़ा काम था और न ही कोई सहारा। पेट पालने के लिए वह जो भी काम मिलता, कर लेते थे। उनकी सबसे बड़ी पूंजी थी उनकी कॉमेडी और उनकी मिमिक्री।

राजू श्रीवास्तव की अमिताभ बच्चन की मिमिक्री इतनी सटीक थी कि लोग उन्हें सुनकर चौंक जाते थे। इसी हुनर को उन्होंने अपनी कमाई का जरिया बनाया। वह शादियों, पार्टियों और छोटे कार्यक्रमों में जाकर लोगों को हंसाते थे। वह मेहमानों को अमिताभ बच्चन की आवाज में बधाई देते थे और उनके मशहूर डायलॉग्स बोलते थे। इसके बदले में उन्हें जो भी पैसा मिलता, उससे ही उनका घर चलता।

राजू श्रीवास्तव ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक बार एक शादी में उन्होंने पूरी रात अमिताभ बच्चन की आवाज में मिमिक्री की। वह पूरी रात मेहमानों को हंसाते रहे और उनका मनोरंजन करते रहे। लेकिन जब सुबह हुई और उन्हें उनकी मेहनत का पैसा दिया गया, तो वह केवल 50 रुपए था। राजू के लिए यह सिर्फ एक छोटा-सा वेतन नहीं था, बल्कि उनकी कला का अनादर था। यह उनके लिए एक बहुत ही मुश्किल और निराशाजनक पल था।

लेकिन, राजू ने हार नहीं मानी। उन्होंने इस अनुभव को अपनी प्रेरणा बनाया और अपने हुनर को निखारते रहे। आखिरकार उन्हें टीवी पर बड़ा ब्रेक मिला और वह घर-घर प्रसिद्ध हो गए।

Point of View

बल्कि प्रेरणा भी दी। इस प्रकार की कहानियाँ हमें यह सिखाती हैं कि कठिनाइयों के बावजूद, कड़ी मेहनत और लगन से हम अपने सपनों को हासिल कर सकते हैं।
NationPress
20/09/2025

Frequently Asked Questions

राजू श्रीवास्तव का जन्म कब हुआ था?
राजू श्रीवास्तव का जन्म 25 दिसंबर 1963 को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ था।
राजू श्रीवास्तव की पहचान का सबसे बड़ा किरदार कौन सा है?
गजोधर भैया उनका सबसे बड़ा और प्रसिद्ध किरदार है।
राजू श्रीवास्तव ने अमिताभ बच्चन की मिमिक्री कैसे सीखी?
उन्होंने बचपन से ही अमिताभ बच्चन की मिमिक्री करना शुरू किया था।
राजू श्रीवास्तव की सबसे छोटी कमाई कब हुई?
एक शादी में पूरी रात मिमिक्री करने के बाद उन्हें केवल 50 रुपए मिले थे।
राजू श्रीवास्तव ने कॉमेडी में कैसे शुरुआत की?
उन्होंने छोटे कार्यक्रमों में मिमिक्री करके अपनी कॉमेडी यात्रा की शुरुआत की।