क्या जलवायु संकट जैसे संवेदनशील मुद्दों को सिनेमा में पर्याप्त स्थान नहीं मिल रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- जलवायु संकट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
- जीनत अमान की चिंताएँ इस मुद्दे को उजागर करती हैं।
- युवाओं को सही जानकारी देकर जागरूक बनाना आवश्यक है।
- डॉक्यूमेंट्री महत्वपूर्ण है।
- सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।
मुंबई, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सिनेमा और कहानियों की दुनिया में सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होती रही है, लेकिन पर्यावरण और जलवायु संकट जैसे विषय लंबे समय से हाशिये पर हैं। इस बीच, प्रसिद्ध अभिनेत्री जीनत अमान ने इस मुद्दे पर लोगों का ध्यान खींचा है। उनका कहना है कि यदि पर्यावरण के प्रति अभी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में गंभीर परिणाम सामने आएंगे।
डिस्कवरी चैनल की डॉक्यूमेंट्री सीरीज 'एम्बर्स ऑफ होप: द फाइट फॉर आवर फ्यूचर' में नैरेटर के रूप में शामिल जीनत अमान ने कहा, ''भारत की कहानियों और सांस्कृतिक परंपराओं में प्रकृति के संबंध में बातें होती रही हैं, लेकिन आज के आधुनिक युग में जलवायु संकट जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को पर्याप्त स्थान नहीं मिला है।''
उन्होंने आगे कहा, ''भारत में कहानी कहने की परंपरा हमेशा से समृद्ध रही है, लेकिन पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति को फिल्मों, धारावाहिकों या साहित्य में उतनी प्रमुखता नहीं मिली जितनी मिलनी चाहिए थी। दुनिया एक गंभीर समस्या का सामना कर रही है, फिर भी लोग इस विषय में जागरूक नहीं हैं।''
जीनत अमान ने कहा कि जलवायु संकट को नजरअंदाज करने की एक बड़ी वजह लोगों में जानकारी की कमी है। आम व्यक्ति संवेदनशील होता है, लेकिन सही जानकारी न मिलने के कारण वह समस्या की गंभीरता को नहीं समझ पाता और यह नहीं जानता कि उसे अपने जीवन में क्या बदलाव लाने चाहिए। इसी कारण से 'एम्बर्स ऑफ होप' जैसी डॉक्यूमेंट्री आज बेहद जरूरी है, क्योंकि यह पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को सरल भाषा, वास्तविक उदाहरणों और गहरी रिसर्च के साथ प्रस्तुत करती है।
जीनत कहती हैं कि जब लोग जानेंगे, तभी वे कदम उठाएंगे और सही दिशा में सोच पाएंगे।
अभिनेत्री ने कहा, ''युवा पीढ़ी में बदलाव लाने की शक्ति है। आज का युवा तकनीक में कुशल है, नए विचारों के साथ आगे बढ़ सकता है। लेकिन उनके लिए सही दिशा और मार्गदर्शन आवश्यक है। युवा धरती को बचाना चाहते हैं, पर उन्हें यह नहीं पता कि कहां से शुरुआत करें। डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य युवाओं को ऐसी जानकारी प्रदान करना है, जिससे वे समझ सकें कि कौन-सी समस्या कितनी बड़ी है और उसे सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।''
जीनत अमान ने कहा कि अब यह ग्रह अगली पीढ़ी का है। मौसम की अनिश्चितता, बढ़ती गर्मी, बदलते समुद्री पैटर्न, जंगलों की कटाई, बढ़ता प्रदूषण और जनसंख्या का दबाव, ये सभी संकेत हैं कि हम खतरे के करीब खड़े हैं, लेकिन अभी भी आशा है। यदि लोग मिलकर काम करें, सरकारें नीतियों को मजबूत करें और युवा आगे बढ़कर कदम उठाएं, तो इस संकट से बचना संभव है।
'एम्बर्स ऑफ होप: द फाइट फॉर आवर फ्यूचर' को 60 से अधिक स्थानों पर फिल्माया गया है और हर एपिसोड पर्यावरण की एक अलग चुनौती को विस्तार में समझाता है, चाहे वह ग्लोबल वॉर्मिंग हो, पानी की कमी, जंगलों का भविष्य या जीव-जंतुओं का घटता अस्तित्व।
यह सीरीज मोबियस फाउंडेशन और वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी द्वारा निर्मित है और 16 नवंबर से हर रविवार शाम 7:30 बजे डिस्कवरी चैनल और एनिमल प्लैनेट पर प्रसारित हो रही है।