क्या भोजपुरी गीतों में श्रीकृष्ण की भक्ति का जादू है?

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क्या भोजपुरी गीतों में श्रीकृष्ण की भक्ति का जादू है?

सारांश

जन्माष्टमी के पावन पर्व पर भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री ने प्रस्तुत किए हैं कई मनमोहक गीत। ये गीत कान्हा की लीलाओं, यशोदा मां की ममता और गोकुल की मिठास को बखूबी दर्शाते हैं। जानिए, इन गानों की खासियत और क्यों ये बन गए हैं जन्माष्टमी स्पेशल प्लेलिस्ट का हिस्सा।

Key Takeaways

  • भोजपुरी संगीत में श्रीकृष्ण की भक्ति की झलक है।
  • जन्माष्टमी पर विशेष गीतों की भरमार है।
  • गायकों की मेहनत और संगीत की मधुरता भक्ति को जीवंत बनाती है।
  • भक्ति का माहौल पूरे देश में फैला है।
  • भोजपुरी गीत संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

नई दिल्ली, १४ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। जन्माष्टमी का पर्व हर वर्ष भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, मंदिर सजाते हैं, झूले बनाते हैं और रात १२ बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। बच्चे कान्हा की भूमिका निभाते हैं, महिलाएं भजन गाती हैं और चारों ओर भक्ति का माहौल होता है। जन्माष्टमी के इस खास मौके पर भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री ने भी कई मनमोहक गीतों की पेशकश की है। इनमें कान्हा की माखन चोरी, राधा संग रासलीला, यशोदा मईया की ममता, सोहर और गोकुल की मिठास शामिल हैं। यही कारण है कि ये गाने लोगों की जन्माष्टमी स्पेशल प्लेलिस्ट में जगह बना चुके हैं।

'बिरज में कान्हा की तैयारी'- यह भजन भगवान कृष्ण के जन्म से पूर्व ब्रज में हो रही तैयारियों को दर्शाता है। इसे सुरभि कश्यप, कुनाल मिश्रा और साकेत सुमन ने गाया है। संगीत मोहित म्यूजिक ने दिया है जबकि बोल मनोज भावुक ने लिखे हैं। इस गाने में बताया गया है कि नंदगांव और वृंदावन के लोग कान्हा के जन्म की खुशी में झूलन सजाते हैं, दीप जलाते हैं और मिठाइयाँ बनाते हैं।

'जेकरे अचरा में जन्मे कन्हैया'—यह गाना यशोदा मैया की ममता को दर्शाता है। इसे गायक समर सिंह ने गाया है। यह भजन लोगों के दिल को छू रहा है। इसके बोल आलोक यादव ने लिखे हैं और संगीत अभिराम पांडे ने दिया है। इस गाने में यशोदा मां की भावना को खूबसूरती से दर्शाया गया है।

'मोरी मैया रे'—यह गाना भी मां यशोदा और श्रीकृष्ण के प्यार भरे रिश्ते पर आधारित है। इसे यश कुमार ने गाया है और संगीत नरेंद्र सागर ने दिया है। इसके बोल राजेश मिश्रा ने लिखे हैं। इस गाने में दिखाया गया है कि कैसे यशोदा मां अपने लाडले कान्हा को बचपन में गोद में खिलाती हैं। जब वह बड़े होकर सबके भगवान बन जाते हैं, तो मां को गर्व के साथ-साथ थोड़ी निराशा भी होती है।

'नंद किशोर बड़ा चितचोर'- यह गाना श्रीकृष्ण की नटखट लीलाओं पर आधारित है। इसे बोल राधा बोल फिल्म से लिया गया है। इस गाने को खेसारी लाल यादव, प्रियंका सिंह और सिंघा सरकार ने गाया है। इसके बोल छोटू यादव ने लिखे हैं और संगीत छोटे बाबा बसही ने दिया है। इस गाने में कान्हा की माखन चोरी और राधा संग उनकी शरारतों को दर्शाया गया है।

'कृष्ण जन्माष्टमी'- यह गाना विशेष रूप से जन्माष्टमी के लिए बनाया गया है। इसे गुंजन सिंह ने गाया है। बोल अमन अलबेला ने लिखे हैं और संगीत आर्य शर्मा ने दिया है। इस गाने में जन्माष्टमी की पूरी झांकी दिखाई गई है। इसे सुनकर लोग भक्ति में डूबकर कान्हा के लिए झूमना चाहते हैं।

Point of View

मैं मानता हूं कि भोजपुरी संगीत न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपराओं को भी समृद्ध करता है। जन्माष्टमी जैसे पावन पर्व पर, ये गीत भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाते हैं। हमें इन संगीत रचनाओं को संजोकर रखने की आवश्यकता है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन्हें समझ सकें।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

जन्माष्टमी पर कौन से भोजपुरी गीत लोकप्रिय हैं?
जन्माष्टमी पर 'बिरज में कान्हा की तैयारी', 'जेकरे अचरा में जन्मे कन्हैया', 'मोरी मैया रे', 'नंद किशोर बड़ा चितचोर', और 'कृष्ण जन्माष्टमी' जैसे गीत बहुत लोकप्रिय हैं।
क्या भोजपुरी गाने श्रीकृष्ण की भक्ति को दर्शाते हैं?
हां, भोजपुरी गाने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनकी भक्ति को खूबसूरती से दर्शाते हैं, जो भक्तों को भक्ति में डूबने के लिए प्रेरित करते हैं।
कौन से गायक जन्माष्टमी के लिए विशेष गीत गाते हैं?
गायक जैसे सुरभि कश्यप, समर सिंह, यश कुमार, खेसारी लाल यादव, और गुंजन सिंह जैसे कई प्रतिभाशाली गायक जन्माष्टमी के लिए विशेष गीत गाते हैं।