क्या 'बेपरवाई' के जरिए जोनिता गांधी लोगों को एक महत्वपूर्ण संदेश दे रही हैं?

सारांश
Key Takeaways
- अपने असली रूप में रहना महत्वपूर्ण है।
- दूसरों की राय से प्रभावित नहीं होना चाहिए।
- संगीत के माध्यम से सकारात्मक संदेश देना संभव है।
- कला और पहचान का गहरा संबंध होता है।
- इलेक्ट्रॉनिक संगीत का उपयोग एक नया अनुभव देता है।
मुंबई, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्लेबैक सिंगर जोनिता गांधी ने अपना नया गाना 'बेपरवाई' लॉन्च किया है। उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत करते हुए इस गाने के पीछे की कहानी साझा की।
सिंगर ने कहा कि यह गाना उस भावनात्मक स्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति बेफिक्र हो जाता है और उसे यह परवाह नहीं होती कि दुनिया उसके बारे में क्या सोचती है।
जोनिता गांधी ने बताया कि 'बेपरवाई' का विचार टोरंटो में एक म्यूजिक सेशन के दौरान आया। उस दिन उन्होंने दुनिया को लेकर निराशा और चिढ़ महसूस की। उन्हें महसूस हुआ कि हम अक्सर दूसरों की राय में उलझ जाते हैं, जिससे हम अपनी पहचान खो देते हैं। इसी सोच ने गाने के कोरस को जन्म दिया, जिसमें कहा गया है, 'अब मैं बस बेपरवाह हूं'। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि यह गाना उनकी पहचान से जुड़ा हो, ताकि श्रोताओं को यह महसूस हो कि 'यह एक जोनिता गांधी का गाना है।'
जोनिता ने बताया कि उन्होंने इस गाने को अपने अनोखे अंदाज में गाया है। उन्होंने अपनी पहचान और गाने की खास शैली को बनाए रखा है, ताकि यह गाना उनके अन्य गानों जैसा लगे। इसमें उन्होंने सॉफ्ट टोन का उपयोग किया है, जैसा कि वे हर गाने में करती हैं। इस गाने को तैयार करने में उनके साथ म्यूजिक प्रोड्यूसर एरिजा ने सहयोग किया।
जोनिता ने बताया कि यह गाना पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से बनाया गया है और इसमें कोई लाइव इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग नहीं किया गया है। गाने का संगीत और बीट्स कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर से तैयार किए गए हैं।
उन्होंने कहा, "इस गाने में कोई भी लाइव इंस्ट्रूमेंट नहीं है। यह गाना जोशीला और मस्तीभरा है।"
जोनिता ने अपने संदेश में कहा, "आप जैसे हैं, वैसे ही ठीक हैं। खुद को बदलने की जरूरत नहीं है सिर्फ इसलिए कि लोग क्या सोचते हैं। हमें अपनी खुशी को प्राथमिकता देनी चाहिए और वही करना चाहिए जो हमें अच्छा लगता है।"
'बेपरवाई' सभी बड़े म्यूजिक प्लेटफार्म्स पर उपलब्ध है।