क्या कमल हासन, आयुष्मान खुराना और पायल कपाड़िया को ऑस्कर एकेडमी का निमंत्रण मिला?

सारांश
Key Takeaways
- कमल हासन, आयुष्मान खुराना और पायल कपाड़िया को ऑस्कर एकेडमी से निमंत्रण मिला है।
- 534 कलाकारों को इस वर्ष सदस्यता का निमंत्रण दिया गया है।
- एकेडमी सदस्यता मौजूदा सदस्यों की सिफारिश पर निर्भर करती है।
- हर जाति और संस्कृति के लोगों को समान अवसर प्रदान करने का ध्यान रखा जाता है।
- भारतीय सिनेमा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल रही है।
चेन्नई, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। ऑस्कर अवॉर्ड देने वाली संस्था एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज ने भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता कमल हासन, आयुष्मान खुराना और फिल्म निर्माता एवं लेखक पायल कपाड़िया को सदस्यता के लिए आमंत्रित किया है।
इस वर्ष, एकेडमी ने 534 कलाकारों और फिल्म से जुड़े व्यक्तियों को सदस्यता के लिए आमंत्रित किया है।
एकेडमी के सीईओ बिल क्रेमर और प्रेसिडेंट जैनेट यैंग ने कहा, ''हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम इतने प्रतिष्ठित कलाकारों, तकनीकी विशेषज्ञों और फिल्म क्षेत्र से जुड़े लोगों को एकेडमी में शामिल होने का आमंत्रण दे रहे हैं। इन सबका फिल्म उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।''
एक्टर और प्रोड्यूसर कमल हासन का नाम एकेडमी की सूची में 'एक्टर्स' सेक्शन में है। उनके साथ उनकी दो प्रसिद्ध फिल्मों के नाम ('विक्रम' और 'नायकन') भी शामिल हैं।
बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना को भी सदस्यता के लिए आमंत्रित किया गया है। उनके साथ उनकी दो बेहतरीन फिल्मों 'आर्टिकल 15' और 'अंधाधुन' का उल्लेख किया गया है।
इसके अलावा, लेखिका पायल कपाड़िया को राइटर्स सेक्शन में आमंत्रित किया गया है। उनके नाम के आगे 'ऑल वी इमेजिन एज लाइट' और डॉक्यूमेंट्री 'ए नाइट ऑफ नोइंग नथिंग' का उल्लेख किया गया है।
एकेडमी ने इस बात की पुष्टि की है कि उनकी सदस्यता किसी आवेदन से नहीं मिलती, बल्कि मौजूदा सदस्य उन्हें नामित करते हैं।
एकेडमी ने कहा, ''एसोसिएट्स को छोड़कर, जो भी व्यक्ति एकेडमी का सदस्य बनना चाहता है, उसे उस सेक्शन के कम से कम दो मौजूदा सदस्यों की सिफारिश चाहिए होती है। हालांकि, यदि कोई व्यक्ति ऑस्कर के लिए नामांकित होता है, तो उसे सीधे सदस्यता के लिए चुना जा सकता है।''
एकेडमी ने यह भी कहा कि किसी को सदस्य बनाने का निर्णय उसके पेशेवर अनुभव और योग्यता के आधार पर लिया जाता है। इसके साथ ही, हर जाति, संस्कृति और समुदाय के लोगों को समान अवसर देने पर भी ध्यान दिया जाता है।