क्या 'मैंने सब कुछ सीख लिया' का भाव असफलता की शुरुआत है?

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क्या 'मैंने सब कुछ सीख लिया' का भाव असफलता की शुरुआत है?

सारांश

करण टैकर ने अपने अनुभव साझा किए हैं कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सफलता के लिए जिज्ञासा और उत्साह कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने सेट पर बिताए समय और पर्दे के पीछे की गतिविधियों के प्रति अपने प्रेम को भी उजागर किया है। जानिए उनके विचारों का क्या महत्व है।

Key Takeaways

  • जिज्ञासा और उत्साह सफलता की कुंजी हैं।
  • सेट पर बिताए समय का महत्व।
  • निर्देशकों से सीखना और अनुभव को मूल्यवान बनाना।
  • समय की पाबंदी पर ध्यान देना आवश्यक है।
  • हर प्रोजेक्ट को बेस्ट देना चाहिए।

मुंबई, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेता करण टैकर ने कहा कि जिज्ञासा और उत्साह बनाए रखना एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सफलता की कुंजी है। उन्होंने यह भी साझा किया कि उन्हें वैनिटी वैन में बैठना पसंद नहीं है, क्योंकि वह सेट पर 'पर्दे के पीछे' का काम देखना चाहते हैं, जो उनके लिए बहुत रोमांचक है।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में करण ने कहा, "अगर आपको लगता है कि आपने सब कुछ सीख लिया है, तो यह आपकी असफलता की शुरुआत है, चाहे वह व्यक्तिगत जीवन हो या पेशेवर। मैं हमेशा जिज्ञासु हूं और अपने काम को बेहद पसंद करता हूं। हर बार सेट पर जाने पर मुझे नई ऊर्जा मिलती है, जैसे मैं एक नया कलाकार हूं।"

करण ने बताया कि उन्हें वैनिटी में बैठने से ज्यादा सेट पर समय बिताना पसंद है। उन्होंने कहा, "मुझे सेट पर होने वाली गतिविधियां देखना अच्छा लगता है। पर्दे के पीछे का काम फिल्म सेट का सबसे रोमांचक हिस्सा है। मैं देखना चाहता हूं कि निर्देशक कैसे काम करते हैं और उनकी सोच क्या है।"

करण ने निर्देशक नीरज पांडे की तारीफ की, जिन्हें वह कम बोलने वाला लेकिन प्रभावशाली मानते हैं। नीरज से मिली सीख का जिक्र करते हुए करण ने कहा, "उन्होंने मुझे सिखाया कि किसी प्रोजेक्ट का रिजल्ट आपके हाथ में नहीं होता। आप केवल शूटिंग के अनुभव को बेहतर बना सकते हैं। यही वह चीज है, जिसे मैं सबसे ज्यादा महत्व देता हूं।"

करण ने समय की पाबंदी पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा समय पर सेट पर पहुंचता हूं। एक प्रोजेक्ट के लिए 60 दिन देने होते हैं और एक दिन में 18-18 घंटे का काम शारीरिक रूप से थकाने वाला होता है। लेकिन मैं उस समय को पूरे दिल से जीता हूं। मैं हर पल सेट पर मौजूद रहता हूं और प्रोजेक्ट को अपना बेस्ट देता हूं।"

हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज 'स्पेशल ऑप्स 2' में करण की एक्टिंग को दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं।

Point of View

मैं यह मानता हूं कि करण टैकर की जिज्ञासा और उत्साह से भरे विचार न केवल युवा कलाकारों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, बल्कि यह हमें यह भी दर्शाते हैं कि निरंतर सीखना और समय का प्रबंधन सफलता की कुंजी है।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

करण टैकर ने वैनिटी वैन में बैठने से क्यों मना किया?
करण टैकर का मानना है कि सेट पर 'पर्दे के पीछे' का काम देखना ज्यादा रोमांचक है, जो उन्हें प्रेरित करता है।
करण टैकर ने समय की पाबंदी पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि वह हमेशा समय पर सेट पर पहुंचते हैं और उस समय को पूरी मेहनत से जीते हैं।
क्या करण टैकर को वैनिटी वैन में बैठना पसंद है?
नहीं, करण को सेट पर काम देखना पसंद है, वह वैनिटी वैन में बैठना नहीं चाहते।