क्या कावेरी कपूर नेपोटिज्म पर अपनी राय रखती हैं?

सारांश
Key Takeaways
- नेपोटिज्म पर कावेरी कपूर की स्पष्ट राय है।
- उन्हें लगता है कि मेहनत और जुनून सफलता के लिए आवश्यक हैं।
- एक स्टार किड होने के नाते कुछ अवसर मिल सकते हैं, लेकिन प्रतिभा ही महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री कावेरी कपूर बहुत जल्द फिल्म 'मासूम 2' में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म में वह अपने पिता शेखर कपूर के साथ पहली बार काम कर रही हैं। इसमें शबाना आजमी और मनोज बाजपेयी जैसे बेहतरीन कलाकार भी शामिल हैं।
कावेरी ने राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष बातचीत में नेपोटिज्म के विषय पर अपनी राय साझा की। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर उनके दृष्टिकोण और उनके दोस्तों की राय क्या है।
कावेरी ने कहा, "मेरे माता-पिता के सिवा, मेरे ज्यादातर करीबी लोग अभिनेता नहीं हैं, इसलिए उनकी इस मामले में कोई विशेष राय नहीं है। व्यक्तिगत रूप से, मैं लोगों की निराशा को समझती हूं। सामान्य और फिल्मी परिवारों के बीच अवसरों में एक बड़ा अंतर है और इसे नजरअंदाज करना मुश्किल है। लेकिन, मुझे नहीं लगता कि किसी ऐसे व्यक्ति के प्रति नफरत फैलाना उचित है, जो अपने जुनून का पीछा कर रहा है।"
कावेरी ने आगे कहा, "अगर आप में जुनून है और कड़ी मेहनत करने को तैयार हैं, तो आपको इस फील्ड में आना चाहिए। जो लोग नेपोटिज्म पर स्टार किड्स या अन्य लोगों पर भड़ास निकालते हैं, उन्हें मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि एक बार खुद को उनकी जगह रखकर देखिए, आपका नजरिया शायद बदल जाएगा। अगर आपने एक्टर बनने का सपना देखा है और आपको मौका मिलेगा, तो आप इसे जरूर करना चाहेंगे। मुझे लगता है कि इसके दो पहलू हैं, हालांकि यह कोई आसान मुद्दा नहीं है, फिर भी मुझे उन लोगों से सहानुभूति है, जो भाई-भतीजावाद के निशाने पर आते हैं।"
कावेरी कपूर ने यह भी बताया कि एक स्टार किड होने के नाते लोगों को शुरुआत में कुछ मौके मिल सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक इस इंडस्ट्री में खुद को बनाए रखने के लिए आपकी प्रतिभा ही आपके काम आएगी।
बता दें कि कावेरी कपूर ने इसी साल कुणाल कोहली की फिल्म 'बॉबी और ऋषि की लव स्टोरी' से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इसमें उनके साथ अमरीश पुरी के पोते वर्धन पुरी दिखाई दिए थे। बहुत जल्द वह अपनी दूसरी फिल्म 'मासूम 2' में दिखाई देंगी।