क्या अमोल मजूमदार ने केबीसी में रमाकांत आचरेकर का जिक्र किया?

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क्या अमोल मजूमदार ने केबीसी में रमाकांत आचरेकर का जिक्र किया?

सारांश

अमोल मजूमदार ने केबीसी में अपने क्रिकेट करियर और रमाकांत आचरेकर के प्रभाव का जिक्र किया। जानिए उनके अनुभव और प्रेरणादायक बातें इस विशेष एपिसोड में।

Key Takeaways

  • अमोल मजूमदार का प्रेरणादायक क्रिकेट करियर
  • रमाकांत आचरेकर का योगदान
  • अनुशासन और शिक्षा का महत्व
  • केबीसी में क्रिकेट की विशेष चर्चा
  • सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली के साथ अनुभव

मुंबई, ५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का प्रस्तुतिकरण शो 'कौन बनेगा करोड़पति' (केबीसी) भारत का सबसे प्रिय टेलीविजन कार्यक्रम है। यह शो सिर्फ प्रश्नों का उत्तर देने और पुरस्कार वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दर्शकों के लिए प्रेरणादायक कथाओं और महत्वपूर्ण संवाद का एक मंच बन चुका है। इसकी लोकप्रियता इतनी है कि फिल्म और वेब शो के कलाकार भी यहाँ अपने प्रोजेक्ट्स का प्रचार करने आते हैं।

हाल ही में, केबीसी ने क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक विशेष एपिसोड प्रस्तुत किया, जिसमें भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच अमोल मजूमदार ने अपने जीवन और क्रिकेट करियर के कई अनुभव साझा किए।

एपिसोड में अमिताभ बच्चन के साथ बातचीत में, अमोल मजूमदार ने बताया कि कैसे उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट से जोड़ा और उनके जीवन में अनुशासन, शिक्षा और क्रिकेट के मूल्यों ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया। उन्होंने दिवंगत भारतीय क्रिकेट कोच रमाकांत आचरेकर का भी उल्लेख किया, जिनका जीवन पर गहरा प्रभाव रहा। अमोल ने कहा, 'उनके जैसा कोई नहीं होगा।'

अमोल ने अपने क्रिकेट करियर पर भी चर्चा करते हुए कहा, 'मैंने २०१४ में क्रिकेट से संन्यास लिया। मैंने रणजी ट्रॉफी में कुल २० वर्षों तक खेला। १७ वर्ष मैंने मुंबई के लिए और ४ वर्ष मैंने अन्य राज्यों, जैसे असम और आंध्र प्रदेश, के लिए खेला। इसके अलावा, मैंने मुंबई टीम की कप्तानी भी की। अपने लंबे करियर के लिए मैंने अपने पिता को सबसे बड़ा प्रेरक माना। उन्होंने न केवल मुझे क्रिकेट सिखाया, बल्कि जीवन में अनुशासन और सही दिशा भी दिखाई।'

अमोल ने अपने विद्यालय के दिनों की यादें साझा की, जब वह सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली के साथ खेलते थे। उन्होंने कहा, 'विद्यालय के दिनों में सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली के साथ खेलना मैं कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने मुंबई के कई खिलाड़ियों में अनुशासन और क्रिकेट की संस्कृति का विकास किया। इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूँ।'

केबीसी में अमोल मजूमदार से पहले, वेब सीरीज 'फैमिली मैन' के कलाकार जयदीप अहलावत और मनोज बाजपेयी भी अपनी सीरीज का प्रचार करने शो में आए थे। इस दौरान उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ संवाद किया और खूब मस्ती की।

Point of View

यह कहना उचित है कि अमोल मजूमदार का केबीसी में उपस्थिति सिर्फ क्रिकेट की कहानी नहीं है, बल्कि यह प्रेरणा और अनुशासन का एक महत्वपूर्ण संदेश भी है। उनके विचारों से युवा पीढ़ी को सीखने को मिलता है कि कैसे मेहनत और समर्पण से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

अमोल मजूमदार ने कब क्रिकेट से संन्यास लिया?
अमोल मजूमदार ने २०१४ में क्रिकेट से संन्यास लिया।
अमोल मजूमदार ने कौन से राज्यों के लिए क्रिकेट खेला?
उन्होंने १७ वर्ष मुंबई के लिए और ४ वर्ष असम एवं आंध्र प्रदेश के लिए खेला।
रमाकांत आचरेकर का अमोल मजूमदार के जीवन पर क्या प्रभाव था?
अमोल ने बताया कि रमाकांत आचरेकर का प्रभाव उनके जीवन में गहरा और अमिट रहा।
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