क्या हम 21वीं सदी में हैं, और क्या अब पुराने नियमों को छोड़ देना चाहिए? अपरा मेहता का बींदणी में रूढ़िवादी किरदार
सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं को समानता का अधिकार
- पुराने रीति-रिवाजों पर सवाल
- अपरा मेहता का अद्वितीय किरदार
- राजस्थानी संस्कृति का प्रदर्शन
- टीवी करियर का अनुभव
मुंबई, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जब भी टेलीविजन पर कोई नया कार्यक्रम शुरू होता है, तो दर्शकों की उत्सुकता अपने चरम पर होती है। वर्तमान में, सन नियो चैनल पर प्रसारित हो रहा शो 'प्रथाओं की ओढ़े चुनरी: बींदणी' चर्चा का विषय बना हुआ है। इस शो में अभिनेत्री अपरा मेहता राजेश्री बुआ के किरदार में हैं, जो कि एक रूढ़िवादी महिला हैं। वह परिवार की सबसे बड़ी सदस्य हैं और परंपराओं का पालन उनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, असल जीवन में वह अपने किरदार से काफी भिन्न हैं।
अपना दृष्टिकोण साझा करते हुए, अपरा मेहता ने कहा, "मेरा मानना है कि पुराने रीति-रिवाजों और संस्कारों का पालन परिवार में सम्मान और एकता को बनाए रखता है, लेकिन समय के साथ महिलाओं को बराबरी का हक मिलना चाहिए। उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए अवसर दिए जाने चाहिए। आज हम 21वीं सदी में हैं, हमें पुराने और पिछड़े नियमों को छोड़ देना चाहिए। महिलाओं को शिक्षा, स्वतंत्रता और रोजगार के अवसर मिलने चाहिए ताकि वे अपने फैसले स्वयं ले सकें और अपनी ज़िंदगी को संवार सकें।"
अपरा मेहता ने अपने टीवी करियर के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ''मैंने अब तक लगभग 35 डेली शो किए हैं और सभी प्रमुख चैनलों के साथ कार्य किया है। कुछ चैनल अब बंद हो चुके हैं, लेकिन अनुभव हमेशा खास रहे हैं। सन नियो चैनल मेरे लिए नया है। जब मैंने 'बींदणी' का कॉन्सेप्ट और अपने किरदार को समझा, तो मुझे लगा कि यह शो मेरे लिए सही है।''
उन्होंने बताया, "कहानी की अपील के कारण मैंने छह महीने के विश्राम के बाद यह शो जॉइन किया। इस शो में मुझे पहली बार राजस्थानी पोशाक पहनने का अवसर मिला, और मुझे यह बहुत पसंद आया।"
अपना किरदार राजेश्री बुआ के बारे में, उन्होंने कहा, "मेरा किरदार शो में गंभीरता और गरिमा के साथ प्रस्तुत किया गया है। बुआ परिवार की सबसे बड़ी सदस्य हैं और सभी का सम्मान उनके शब्दों और निर्णयों से जुड़ा है। वह पुराने रीति-रिवाजों और परंपराओं में विश्वास करती हैं।"