क्या ‘चल सिनेमा चलें’ का सफर 21 शहरों से बढ़कर 40 तक पहुंचेगा? अनुभव सिन्हा का अनुभव साझा!
सारांश
Key Takeaways
- अनुभव सिन्हा ने 21 शहरों का दौरा किया है।
- ‘चल सिनेमा चलें’ अभियान का उद्देश्य छोटे शहरों में सिनेमा की स्थिति का अवलोकन करना है।
- उन्होंने बताया कि यात्रा में लोगों की कहानियाँ सुनना महत्वपूर्ण है।
- स्थानीय खाने का अनुभव भी इस यात्रा का हिस्सा है।
- वह 40 शहरों तक जाने की योजना बना रहे हैं।
मुंबई, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। ‘मुल्क’, ‘आर्टिकल 15’ और ‘थप्पड़’ जैसी चर्चित फिल्मों के निर्माता-निर्देशक अनुभव सिन्हा वर्तमान में ‘चल सिनेमा चलें’ अभियान के तहत देश के विभिन्न क्षेत्रों की यात्रा पर हैं।
उन्होंने एक अद्वितीय यात्रा शुरू की है जिसे नाम दिया गया है - ‘चल सिनेमा चलें’। इसका उद्देश्य देश के सिंगल स्क्रीन थिएटर्स तक पहुँचना, वहाँ की वास्तविकता का अवलोकन करना, दर्शकों से संवाद करना और यह समझना है कि छोटे शहरों और कस्बों में सिनेमा कैसे जीवित है।
अनुभव सिन्हा ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में बताया कि प्रारंभ में उन्होंने 21 शहरों का दौरा करने की योजना बनाई थी। उन्होंने सोचा कि हर शहर के पुराने सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल में जाकर वहाँ की स्थिति को समझेंगे - कौन दर्शक आते हैं और फिल्में कैसे चल रही हैं। इसे उन्होंने ‘बार्नस्टोर्म’ या ‘रोड ट्रिप’ का नाम दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि इस यात्रा में उन्हें कई शानदार अनुभव मिले हैं और वह 21 शहरों से बढ़कर 40 तक भी पहुँच सकते हैं। उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ी, यह केवल सिनेमा हॉल देखने तक सीमित नहीं रह गई। अब सबसे खूबसूरत हिस्सा बन गया है लोगों से मिलना, उनकी कहानियाँ सुनना और स्थानीय व्यंजन चखना। अभी तक 21 शहर पूरे हो चुके हैं। पहले 30 शहरों की योजना थी, लेकिन अब मुझे लगता है कि 40 तक जा सकेंगे।"
फिल्म निर्माता लखनऊ, इंदौर, इटावा, अलीगढ़, बनारस, रायपुर, देहरादून और देश के अन्य शहरों का दौरा कर चुके हैं। वह हर सिनेमा हॉल के बाहर खींची गई तस्वीरें, दर्शकों के साथ सेल्फी और स्थानीय व्यंजनों की प्लेटों की झलक भी अपने सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं।