क्या पुरुष कलाकारों का टीवी पर स्टारडम कम हो गया है? चेतन हंसराज का बयान

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क्या पुरुष कलाकारों का टीवी पर स्टारडम कम हो गया है? चेतन हंसराज का बयान

सारांश

चेतन हंसराज ने कहा कि टीवी पर पुरुष सितारों का प्रभाव पहले की तुलना में घट गया है। उन्होंने बताया कि आजकल के कलाकारों में कोई विशेषता नहीं रह गई है। क्या टीवी को फिर से अपने सुनहरे दिनों की आवश्यकता है?

Key Takeaways

  • टीवी पर पुरुष सितारों का प्रभाव घटा है।
  • कलाकारों में विशेषता की कमी है।
  • टीवी को अपनी पहचान वापस लाने की आवश्यकता है।
  • पुराने समय के टीवी शो की याद आ रही है।
  • चेतन हंसराज का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।

मुंबई, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध धारावाहिक 'कहानी घर घर की' में अपनी भूमिका के लिए जाने जाने वाले चेतन हंसराज का कहना है कि आज की तुलना में पहले पुरुषों का स्टारडम कम हो गया है। उन्होंने कहा कि पहले हमारे पास टीवी सितारे होते थे, लेकिन अब सिर्फ एक्टर्स रह गए हैं, 'सितारे' नहीं।

राष्ट्र प्रेस से बातचीत में चेतन हंसराज ने बताया कि टीवी शो में काफी बदलाव आया है। पहले के समय में टीवी के कलाकारों की एक अलग पहचान होती थी। उनका अंदाज, दिखने का तरीका और अभिनय करने का अपना खास स्टाइल होता था, जिससे वे घर-घर लोकप्रिय हो जाते थे। लेकिन अब जो टीवी चल रहा है, उसमें अधिकतर कलाकार एक जैसे लगते हैं और एक समान अभिनय करते हैं। उनका कोई विशिष्ट अंदाज या पहचान नहीं रह गई है। सभी एक ही तरह के फॉर्मूले का पालन करते हैं। इसलिए आजकल टीवी में अलग पहचान वाले मेल एक्टर्स का स्टारडम कम दिखता है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि समय के साथ चीजें बदल गई हैं, तो उन्होंने उत्तर दिया, 'बिल्कुल। पहले हर अभिनेता की अपनी खास पहचान होती थी, अलग दिखते थे, अलग तरीके से अभिनय करते थे। लेकिन आजकल सभी एक जैसे दिखते हैं, एक जैसे एक्सप्रेशन देते हैं और एक जैसे डायलॉग बोलते हैं। पहले हमारे पास बड़े और प्रसिद्ध टीवी सितारे होते थे, लेकिन अब केवल एक्टर्स हैं, 'सितारे' नहीं। टीवी को फिर से वो खास अलग पहचान और स्टारडम वापस लाना चाहिए।'

चेतन हंसराज ने आगे कहा, 'सच कहूं तो मैं अब ज्यादा टीवी नहीं देखता, इसलिए इस पर ज्यादा टिप्पणी करना मेरे लिए ठीक नहीं होगा। मैं भी बाकी लोगों की तरह अपने मोबाइल में ही व्यस्त रहता हूं, यूट्यूब, ओटीटी या इंस्टाग्राम देखता हूं। लेकिन हां, पहले पुरुष कलाकारों की खास पहचान और चमक होती थी, वो अब थोड़ी कम हो गई है।'

उन्होंने कहा कि वह दौर जब टीवी शो नए और अलग-थलग आइडिया और मजबूत कहानी पर चलते थे, अब खत्म सा हो गया है। आजकल के टीवी शो अक्सर एक जैसे लगते हैं, बार-बार वही चीजें दिखाई जाती हैं और उनमें कुछ भी नयापन नहीं होता।

हंसराज ने कहा, 'टीवी बहुत बदल गया है, लेकिन जरूरी नहीं कि कहानियों के मामले में भी बदलाव अच्छा हुआ हो। टीवी का जो सुनहरा दौर था, वो अब खत्म हो चुका है। पहले टीवी पर नए-नए आइडिया होते थे और कहानियां भी दमदार होती थीं। अब सब कुछ थोड़ा थमा-थमा और पुराना सा लगने लगा है। मुझे उम्मीद है कि 'क्योंकि सांस भी कभी बहू थी' शो के लौटने पर टीवी का भी वो सुनहरा दौर फिर से वापस आ जाएगा।'

Point of View

लेकिन जब पहचान और विविधता का अभाव हो जाता है, तो यह दर्शकों के लिए निराशाजनक हो सकता है।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

चेतन हंसराज ने क्या कहा?
चेतन हंसराज ने कहा कि आजकल पुरुष कलाकारों का स्टारडम पहले की तुलना में कम हो गया है।
टीवी पर पुरुष सितारे क्यों कम हुए?
उन्होंने बताया कि आजकल के कलाकार एक जैसे दिखते हैं और एक जैसे अभिनय करते हैं, जिससे उनकी पहचान कम हो गई है।
क्या टीवी को अपनी पहचान वापस लानी चाहिए?
हां, चेतन ने कहा कि टीवी को फिर से अपनी खास पहचान और स्टारडम वापस लाना चाहिए।