क्या रेमो डिसूजा की फिल्म 'टेढ़ी हैं पर मेरी हैं' असली प्यार के बारे में है?
सारांश
Key Takeaways
- असली प्यार खामियों को स्वीकार करने में है।
- जितेंद्र कुमार का किरदार एक साधारण लड़के का है।
- फिल्म का निर्देशन जयेश प्रधान ने किया है।
- हर किरदार की अपनी टेढ़ी-मेढ़ी दुनिया है।
- यह फिल्म हंसी और भावनाओं से भरी है।
मुंबई, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रेमो डिसूजा की नई फिल्म 'टेढ़ी हैं पर मेरी हैं' इन दिनों काफी चर्चित हो रही है। इस फिल्म में दो भिन्न दुनियाओं के कलाकार जितेंद्र कुमार और आरजे महविश पहली बार एक साथ दिखाई देंगे। जितेंद्र अपनी सहज एक्टिंग के लिए प्रसिद्ध हैं, जबकि महविश आरजे के रूप में अपनी जोशीली आवाज के लिए जाने जाते हैं।
रेमो डिसूजा ने फिल्म के बारे में कहा, ''मैं उन कहानियों के प्रति ज्यादा आकर्षित होता हूं जो जीवन के करीब होती हैं, लेकिन उनमें एक खास चमक होती है। 'टेढ़ी हैं पर मेरी हैं' एक ऐसी ही कहानी है, जिसमें इंसानों की कमियां, उनकी उलझनें और उनका पागलपन ही असली खूबसूरती बनकर उभरता है।''
उन्होंने आगे कहा, ''इस फिल्म में प्यार को किसी भी परफेक्शन में नहीं बांधा गया है। असली प्यार तब मिलता है जब हम एक-दूसरे को उनकी खामियों के साथ स्वीकार करते हैं। यह फिल्म दर्शकों को एक मजेदार सफर पर ले जाएगी, जिसमें हंसी और भावनाएं दोनों होंगी।''
फिल्म की कहानी एक रोमांस पर आधारित है, जहां किरदारों की टेढ़ी-मेढ़ी आदतें उन्हें एक-दूसरे के करीब लाती हैं। जितेंद्र कुमार इस तरह की कहानी के लिए एकदम सही हैं क्योंकि वह सहज कॉमेडी और संवेदनशीलता को सहजता से निभा लेते हैं। मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस नई दुनिया की कहानी से जल्दी जुड़ जाएंगे।
जितेंद्र ने फिल्म के शीर्षक की प्रशंसा करते हुए कहा, ''टेढ़ी हैं पर मेरी हैं' उन रिश्तों की सच्चाई को दिखाती है, जिनमें प्यार तो बहुत है, लेकिन सब कुछ सरल नहीं होता।''
उन्होंने कहा, ''इस फिल्म में मेरा किरदार एक साधारण लड़के का है, जिसमें कई खामियां हैं, जो उसे असली और अपनापन देती हैं। यह किरदार मेरे लिए चुनौतीपूर्ण और मजेदार है, क्योंकि मुझे बिना किसी ग्लैमर के एक वास्तविक व्यक्ति बनना है। यह फिल्म उन लोगों से जुड़ जाएगी जो मानते हैं कि रिश्तों में परफेक्शन नहीं, बल्कि समझ और अपनापन महत्वपूर्ण हैं।''
आरजे महविश भी अपनी फिल्मी शुरुआत को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, ''यह फिल्म केवल एक लव स्टोरी नहीं है, बल्कि एक खूबसूरत और वास्तविक सफर है। इस कहानी में हर किरदार अपनी टेढ़ी-मेढ़ी दुनिया लेकर चलता है, लेकिन फिर भी सभी परिचित लगते हैं।''
फिल्म का निर्देशन जयेश प्रधान ने किया है और कहानी प्रदीप सिंह ने लिखी है।