क्या सही संतुलन से समाज का कल्याण संभव है? शेखर कपूर के विचार

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क्या सही संतुलन से समाज का कल्याण संभव है? शेखर कपूर के विचार

सारांश

क्या सही संतुलन से समाज का कल्याण संभव है? शेखर कपूर ने अपनी नई पोस्ट में महिला और पुरुष ऊर्जा के संतुलन पर गहन विचार साझा किए हैं। उन्होंने भगवान शिव और माता पार्वती की कथा के माध्यम से इस विषय को समझाया है। जानिए उनका दृष्टिकोण।

Key Takeaways

  • महिला और पुरुष ऊर्जा का संतुलन आवश्यक है।
  • शिव और पार्वती का उदाहरण हमें सिखाता है कि दोनों ऊर्जा हमारे भीतर हैं।
  • वर्तमान में पुरुष ऊर्जा का हावी होना संघर्ष का कारण बन रहा है।

मुंबई, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक शेखर कपूर ने सोशल मीडिया पर महिला और पुरुष ऊर्जा के संतुलन पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने भगवान शिव और माता पार्वती की पौराणिक कथा के माध्यम से इस संतुलन की महत्वपूर्णता को उजागर किया है।

निर्देशक ने इंस्टाग्राम पर भगवान शिव और पार्वती की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "एक समय की बात है, भगवान शिव गहरी तपस्या में थे। इस दौरान देवताओं को चिंता होने लगी कि शिव के तांडव के बिना सृष्टि स्थिर रह जाएगी। कोई नक्षत्र नहीं बनेंगे, न कोई जन्म होगा और न मृत्यु। इसलिए देवताओं ने माता पार्वती से निवेदन किया कि वे भगवान शिव को तपस्या से जागृत करें। हालांकि, उन्हें इस बात का भी डर था कि भगवान शिव की तपस्या भंग होने पर माता पार्वती को उनके क्रोध का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मां पार्वती ने शिव जी को जगाया और दोनों ने मिलकर नृत्य किया।"

निर्देशक ने इस कथा को एक प्रतीक के रूप में पेश करते हुए कहा कि यह हमें सिखाती है कि सभी के अंदर पुरुष और नारी ऊर्जा विद्यमान है। शिव और पार्वती हमारे भीतर नृत्य करते हैं। नारी ऊर्जा रचनात्मकता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, जबकि पुरुष ऊर्जा अहंकार और योद्धा भावना को दर्शाती है। इन दोनों का संतुलन आवश्यक है ताकि हमारे जीवन में प्रेम, मृत्यु, रचनात्मकता और ज्ञान का उदय हो सके।

वर्तमान विश्व की स्थिति पर बात करते हुए, शेखर कपूर ने कहा कि आज विश्व में पुरुष ऊर्जा का वर्चस्व है, खासकर वैश्विक राजनीति और युद्ध के क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि इस असंतुलन के कारण विश्व में संघर्ष बढ़ रहे हैं।

Point of View

जो हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि समाज में पुरुष और महिला ऊर्जा का संतुलन कितना आवश्यक है। आज के समय में जब पुरुष ऊर्जा का वर्चस्व है, ऐसे में इस संतुलन को बनाए रखना केवल एक आवश्यकता नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

शेखर कपूर ने महिला और पुरुष ऊर्जा के संतुलन पर क्या कहा?
शेखर कपूर ने बताया कि भगवान शिव और माता पार्वती की कथा के माध्यम से यह समझाया कि दोनों ऊर्जा हमारे जीवन में संतुलन बनाए रखती हैं।
क्यों संतुलन जरूरी है?
संतुलन होना जरूरी है ताकि हमारे जीवन में प्रेम, ज्ञान और रचनात्मकता का उदय हो सके।