क्या जुबीन गर्ग मौत मामले में मानस रॉबिन का बयान जांच को नई दिशा देगा?

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क्या जुबीन गर्ग मौत मामले में मानस रॉबिन का बयान जांच को नई दिशा देगा?

सारांश

जुबीन गर्ग की रहस्यमय मौत के मामले में मानस रॉबिन ने महत्वपूर्ण सबूतों का दावा किया है। क्या ये सबूत जांच को नई दिशा देंगे? जानें इस मामले की पूरी कहानी में क्या नया है।

Key Takeaways

  • जुबीन गर्ग की रहस्यमय मौत के मामले में मानस रॉबिन ने सबूत दिए।
  • एसआईटी ने अब तक 60 से अधिक एफआईआर दर्ज की हैं।
  • जुबीन गर्ग की मौत ने पूरे संगीत जगत को झकझोर दिया है।
  • सीआईडी और एसआईटी मामले की गहराई तक पहुँचने के लिए काम कर रही हैं।
  • जांच में पारदर्शिता के लिए मुख्यमंत्री ने आदेश दिए।

मुंबई, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जुबीन गर्ग की मौत के मामले में असम के गायक, संगीतकार और संगीत निर्देशक मानस रॉबिन ने एसआईटी के बुलाने पर गुवाहाटी स्थित सीआईडी कार्यालय का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए एक महत्वपूर्ण बयान

रॉबिन ने कहा कि जुबीन के अंतिम संस्कार के दिन उनके पास कुछ अहम सबूत थे, जिन्हें वह एसआईटी को सौंपेंगे। हालांकि, उन्होंने इन सबूतों को अभी सार्वजनिक न करने का निर्णय लिया। उनका मानना है कि ये सबूत जांच में मददगार साबित हो सकते हैं और इससे मामले की गहराई में महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ सकती है।

जुबीन गर्ग की मौत ने असम और संगीत प्रेमियों को गहरी चोट पहुंचाई है। वह असम के एक प्रतिभाशाली गायक थे, जिनका निधन 19 सितंबर को सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ था। उस समय वह नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में प्रदर्शन के लिए गए थे। उनकी मौत की परिस्थितियाँ अब भी रहस्यमय बनी हुई हैं। एसआईटी और सीआईडी इस मामले की पूरी गहराई तक पहुँचने के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं।

मानस रॉबिन का बयान इस जांच के लिए एक नया मोड़ साबित हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पास ऐसे सबूत हैं जो जुबीन की मौत के पीछे की सच्चाई को उजागर कर सकते हैं। हालाँकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ये सबूत क्या हैं और किस दिशा में जांच को आगे बढ़ाएंगे।

जुबीन गर्ग के मामले में पहले भी कई आरोप और विवाद सामने आ चुके हैं। उनके बैंड के सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी ने आरोप लगाया था कि जुबीन को उनके मैनेजर और कार्यक्रम आयोजक द्वारा जहर दिया गया था। इसके बाद से इस केस की जांच और गहराई से की जा रही है।

एसआईटी ने इस मामले में अब तक लगभग 60 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने मामले की पारदर्शिता और जल्दी से जल्दी जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं। सभी जांच एजेंसियाँ इस केस को लेकर पूरी गंभीरता से काम कर रही हैं ताकि जुबीन गर्ग के परिवार को न्याय मिल सके।

गौरतलब है कि जुबीन गर्ग असम के जाने-माने कलाकार थे। उन्होंने असमिया, हिंदी, बांग्ला और अंग्रेजी समेत कई भाषाओं में अपनी आवाज दी। उनकी मौत ने संगीत जगत को बड़ा नुकसान पहुँचाया है। उनके प्रशंसक अब न्याय का इंतजार कर रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जुबीन गर्ग की मौत का मामला न केवल संगीत उद्योग के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण है। जांच का उद्देश्य न केवल सच्चाई को उजागर करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि ऐसे मामलों में न्याय मिले।
NationPress
08/10/2025

Frequently Asked Questions

जुबीन गर्ग की मौत कब हुई थी?
जुबीन गर्ग का निधन 19 सितंबर को सिंगापुर में हुआ था।
मानस रॉबिन ने एसआईटी को क्या सबूत दिए?
मानस रॉबिन ने कहा कि उनके पास कुछ अहम सबूत हैं, जिन्हें वह एसआईटी को सौंपेंगे।
क्या जुबीन गर्ग के मामले में पहले भी विवाद रहे हैं?
हाँ, जुबीन गर्ग के मामले में पहले भी कई आरोप और विवाद सामने आ चुके हैं।
एसआईटी ने इस मामले में कितनी एफआईआर दर्ज की हैं?
एसआईटी ने इस मामले में अब तक लगभग 60 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की हैं।
क्या असम के मुख्यमंत्री ने इस मामले पर कोई टिप्पणी की है?
हाँ, असम के मुख्यमंत्री ने मामले की पारदर्शिता और जल्दी से जल्दी जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं।