क्या 'सन ऑफ सरदार 2' हंसी, प्यार और पंजाबी स्वैग का सही रोलरकोस्टर है?

सारांश
Key Takeaways
- अजय देवगन का शानदार प्रदर्शन
- मृणाल ठाकुर की बेहतरीन केमिस्ट्री
- दिलचस्प कहानी और कॉमेडी
- पारिवारिक मूल्यों पर आधारित
- शानदार संगीत
निर्देशक: विजय कुमार अरोड़ा, कलाकार: अजय देवगन, रवि किशन, मृणाल ठाकुर, दीपक डोबरियाल, कुब्रा सैत, चंकी पांडे, शरत सक्सेना, मुकुल देव, विंदू दारा सिंह, रोशनी वालिया, संजय मिश्रा, अश्विनी कालसेकर, साहिल मेहता, डॉली अहलूवालिया और नीरू बाजवा। समय: 147.32 मिनट। रेटिंग: 4 स्टार्स।
सीक्वल के बादशाह 'सन ऑफ सरदार 2' एक बार फिर दर्शकों के सामने आ चुके हैं, और इस बार वे और भी प्यार, कॉमेडी और ढेर सारे स्वैग के साथ लौटे हैं। यह फिल्म अजय देवगन के लिए एक पूर्ण पारिवारिक-मनोरंजक अनुभव है, जो भावना, हास्य, नाटक और बेबाक पंजाबी स्वैग के साथ दर्शकों का दिल जीतती है।
विजय कुमार अरोड़ा के निर्देशन में बनी यह फिल्म कमर्शियल बॉलीवुड फिल्म से कहीं बढ़कर है। पारिवारिक मूल्यों पर आधारित, साफ-सुथरी कॉमेडी और शानदार दृश्यों के साथ, यह फिल्म परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक साथ देखने के लिए विशेष रूप से बनाई गई है।
अजय देवगन 'जसविंदर जस्सी सिंह रंधावा' के रूप में वापसी कर रहे हैं, और इस बार वे पहले से ज्यादा शानदार नजर आते हैं। जस्सी अपने पत्नी डिंपल (नीरू बाजवा) से पुनर्मिलन की आशा लेकर लंदन जाते हैं, लेकिन उनका सपना तब चकनाचूर हो जाता है जब डिंपल उन्हें बताती है कि वह किसी और से प्यार करती है और तलाक चाहती है। लंदन में बेघर और टूटे दिल वाले जस्सी की जिंदगी में तब एक अजीब मोड़ आता है जब उनकी मुलाकात राबिया (मृणाल ठाकुर) से होती है, जो एक पाकिस्तानी व्यवसायी है।
राबिया के सहकर्मी दानिश (चंकी पांडे) अपने पारिवारिक ड्रामे से जूझ रहे हैं; उनकी बेटी सबा (रोशनी वालिया) पारंपरिक राजा संधू (रवि किशन) के बेटे गोगी (साहिल मेहता) के प्यार में पड़ जाती है। राबिया के पूरा क्रू पाकिस्तानी है, और उन्हें जस्सी को सबा के भारतीय पिता के रूप में पेश करने का एकमात्र उपाय सूझता है, ताकि रूढ़िवादी संधू परिवार को जीत सकें।
अजय देवगन की बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग एक बार फिर सभी का दिल जीत लेती है। चाहे वह झूठ बोल रहे हों, अफरा-तफरी में खुद को बचा रहे हों या देसी अंदाज में नजर आ रहे हों, वह हर दृश्य में छा जाते हैं। मृणाल ठाकुर अपनी पहली बड़ी कमर्शियल फिल्म में आकर्षण और शालीनता लेकर आती हैं।
दीपक डोबरियाल ने एक ट्रांसजेंडर किरदार गुल का अभिनय किया है, जो फिल्म में कॉमेडी और प्यार का तड़का लगाते हैं। रवि किशन सरदार के अंदाज में लाजवाब लगते हैं।
सहयोगी कलाकार भी अद्भुत हैं। चाहे वे संजय मिश्रा हों या नीरू बाजवा, सभी ने फिल्म में अपनी छाप छोड़ी है।
विजुअली, फिल्म में एक बड़ा सुधार हुआ है। स्कॉटलैंड और लंदन की खूबसूरत सिनेमैटोग्राफी समृद्ध है। संगीत भी एक बड़ी उपलब्धि है, जिसमें 'पहला तू दूजा तू', 'नजर बट्टू', और 'नचदी' जैसे गाने कहानी को आगे बढ़ाते हैं।
डायलॉग्स दमदार हैं और हंसी से भरे हुए हैं। यह केवल एक कॉमेडी नहीं है, बल्कि एक भावनाओं से भरी फिल्म है, जो दर्शकों के चेहरे पर मुस्कान छोड़ देती है।
देवगन फिल्म्स और जियो स्टूडियोज द्वारा निर्मित 'सन ऑफ सरदार 2' एक शानदार पारिवारिक मनोरंजन फिल्म है, जिसमें सब कुछ है जो एक अच्छी फिल्म में होना चाहिए।