क्या शनाया कपूर के लिए विक्रांत सिर्फ को-स्टार हैं या मेंटोर भी?

सारांश
Key Takeaways
- विक्रांत मैसी ने शनाया को एक मेंटोर के रूप में मदद की।
- एक सहायक वातावरण नए कलाकारों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
- उदारता और समर्पण एक अभिनेता की पहचान होती है।
- काम के प्रति गंभीरता और सोच का महत्व।
- सहयोग से बेहतर प्रदर्शन संभव है।
मुंबई, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। शनाया कपूर अपनी आने वाली फिल्म 'आंखों की गुस्ताखियां' के प्रचार में व्यस्त हैं। इस फिल्म में उनके साथ विक्रांत मैसी मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म से डेब्यू करने वाली अभिनेत्री ने कहा कि उन्होंने अपने को-स्टार से बहुत कुछ सीखा है।
शनाया कपूर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में विक्रांत मैसी के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, "विक्रांत का स्वभाव बहुत अच्छा है, वे मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। उनका यह स्वभाव मुझे सेट पर बहुत सहज महसूस कराता है। वह मेरे को-स्टार होने के साथ-साथ मेंटोर भी रहे, जिन्होंने मुझे एक कलाकार के रूप में आगे बढ़ने में सहायता की।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरे लिए सबसे पहली चीज जो मैंने उनसे सीखी, वह यह है कि एक इंसान के रूप में वह बहुत उदार हैं, जो उनके काम में भी झलकता है। यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह सच में एक समर्पित अभिनेता हैं। एक अभिनेता के रूप में, हम अक्सर केवल अपनी लाइनों, किरदार और कॉस्ट्यूम के बारे में सोचते हैं।"
उन्होंने कहा, "मैंने एक अभिनेता के रूप में सीख लिया है कि सबसे पहले आपको एक समर्पित अभिनेता बनना होता है और पूरे सीन के बारे में सोचना चाहिए। आप केवल अपने बारे में नहीं सोच सकते। लेकिन उन्होंने मुझे सेट पर बेहद सहज महसूस कराया। उन्होंने कभी मुझे यह अनुभव नहीं होने दिया कि मैं एक नई कलाकार हूं, और यह एक अनुभवी अभिनेता की विशेषता है। यह अविश्वसनीय है, क्योंकि उन्हें मेरे लिए ऐसा करने की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन उन्होंने ऐसा किया।"
अभिनेत्री ने यह भी याद किया कि विक्रांत अक्सर सीन पर उनसे विचार करते थे, जैसे, "तुम मुझे बताओ, तुम्हें कैसा लग रहा है? तुम्हें क्या लगता है? क्या हमें इसे इस तरह से करना चाहिए या उस तरह से?" उन्होंने कहा कि एक नए व्यक्ति के लिए ऐसा माहौल अद्भुत और आरामदायक था।