क्या 'मैंने प्यार किया' से लेकर 'हम आपके हैं कौन' तक, सलमान के गानों में छुपा था एस.पी. बालासुब्रमण्यम का जादू?

सारांश
Key Takeaways
- एस.पी. बालासुब्रमण्यम की आवाज ने सलमान के करियर को सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया।
- उन्होंने लगभग ४०,००० गाने गाए, जो कि एक रिकॉर्ड है।
- उनकी आवाज में एक खास गहराई थी, जो दिल को छू जाती थी।
- बालासुब्रमण्यम ने नेशनल अवॉर्ड सहित कई महत्वपूर्ण पुरस्कार जीते।
- उनका योगदान भारतीय संगीत उद्योग में अमूल्य है।
मुंबई, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जब सलमान खान ने ९० के दशक में बॉलीवुड में कदम रखा, तो उनकी फिल्मों के हिट गाने लंबे समय तक लोगों की जुबान पर छाए रहे। 'मैंने प्यार किया', 'हम आपके हैं कौन' और 'साजन' जैसी फिल्मों में सलमान के गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं। इन गानों में जो आवाज गूंजती थी, वह प्रसिद्ध गायक एस.पी. बालासुब्रमण्यम की थी। बालासुब्रमण्यम की मधुर और सुरीली आवाज ने सलमान की शुरुआती पहचान को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एस.पी. बालासुब्रमण्यम का जन्म ४ जून १९४६ को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर शहर में हुआ। बचपन से ही उनकी आवाज में एक विशेष मिठास थी। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, लेकिन जल्दी ही संगीत के प्रति उनकी रूचि ने उनकी राह बदल दी। उन्होंने चेन्नई में एक सिंगिंग कॉम्पिटिशन जीता, जिससे उनके करियर की शुरुआत हुई। १९६९ में उन्होंने पहली बार तमिल फिल्म के लिए गाना गाया और फिर संगीत की दुनिया में कदम जमा लिया।
उन्होंने अपनी आवाज से दक्षिण भारत की तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में बड़ा नाम कमाया, लेकिन बॉलीवुड में उनका सफर १९८१ में फिल्म 'एक दूजे के लिए' के साथ शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कमल हासन के लिए गाने गाए और इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया।
बालासुब्रमण्यम की आवाज की विशेषता यह थी कि वह जिस भी अभिनेता के लिए गाते, वह उस अभिनेता की आवाज लगती थी। यही कारण था कि जब सलमान खान ने १९९० में फिल्म 'मैंने प्यार किया' से बॉलीवुड में कदम रखा, तो उन्होंने एस.पी. बालासुब्रमण्यम को अपनी आवाज बनने दिया। यह जोड़ी इतनी पसंद की गई कि सलमान की फिल्मों के कई सुपरहिट गानों को लोग सलमान की ही आवाज समझते थे। बालासुब्रमण्यम ने 'मैंने प्यार किया', 'हम आपके हैं कौन', 'साजन', और 'अंदाज अपना अपना' जैसी फिल्मों में सलमान की आवाज दी और उनके करियर को नई ऊंचाई पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
हालांकि, १९९४ के बाद बालासुब्रमण्यम ने अचानक सलमान के लिए गाना बंद कर दिया। सलमान खान ने बाद में बताया कि समय के साथ उनकी आवाज में बदलाव आ गया था और अब वह उनकी आवाज पर सूट नहीं करती थी, इसलिए उन्होंने नए युवा गायक खोजने शुरू कर दिए थे।
एस.पी. बालासुब्रमण्यम ने अपने करियर में लगभग ४०,००० गाने गाए। वे इतने मेहनती थे कि एक दिन में २१ गाने रिकॉर्ड करने का भी रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है। उनके पास ६ बार नेशनल अवॉर्ड, २५ नंदी अवॉर्ड, ६ फिल्मफेयर अवॉर्ड सहित पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण जैसे बड़े सम्मान थे। उनकी आवाज में एक विशेष गहराई थी, जो सुनने वाले के दिल को छू जाती थी। उन्होंने न केवल गायकी की, बल्कि फिल्मों में अभिनय और निर्देशन भी किया।
बालासुब्रमण्यम का कोरोना महामारी के दौरान २५ सितंबर २०२० को निधन हो गया। उनका जाना संगीत की दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान था। उन्होंने अपनी आवाज के जरिए बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री दोनों में एक अमिट छाप छोड़ी है।