क्या मोहन कपूर ने भारत से 'मिस मार्वल' में काम का अनुभव साझा किया?

Click to start listening
क्या मोहन कपूर ने भारत से 'मिस मार्वल' में काम का अनुभव साझा किया?

सारांश

क्या मोहन कपूर ने 'मिस मार्वल' के सेट पर काम के अनुभव को साझा किया? जानें उनके विचार और अनुभव जो उन्होंने अमेरिका में शूटिंग के दौरान हासिल किए। क्या अंतर है भारत और अमेरिका के काम करने की संस्कृति में? यह जानने के लिए पढ़ें।

Key Takeaways

  • अमेरिकी कामकाजी संस्कृति में अनुशासन और जवाबदेही का उच्च स्तर।
  • महिलाओं की सक्रिय भागीदारी तकनीकी कार्यों में।
  • हर काम की एक तय सीमा और ज़िम्मेदारी होती है।
  • 'मिस मार्वल' सेट पर काम करने का अनुभव प्रेरक।
  • भारतीय उद्योग में जवाबदेही की आवश्यकता।

मुंबई, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय कलाकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। ऐसे में मार्वल जैसे प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म पर काम करना किसी भी अभिनेता के लिए विशेष होता है। इसी तरह के अनुभव को अभिनेता मोहन कपूर ने साझा किया, जिन्होंने मार्वल सीरीज 'मिस मार्वल' में सुपरहीरो कमला खान के पिता यूसुफ खान का किरदार निभाया था।

मोहन कपूर ने अंतरराष्ट्रीय शूटिंग सेट पर काम करने के अनुभव को अनुशासित और प्रेरक बताया।

उन्होंने यह बातें फिल्ममेकर और अभिनेत्री पूजा भट्ट के पॉडकास्ट के दौरान कही। बातचीत में पूजा भट्ट ने उनसे पूछा कि 'मिस मार्वल' की शूटिंग के दौरान उन्हें पेशेवर रूप से क्या अंतर महसूस हुआ और वहां का काम करने का माहौल कैसा था। इस सवाल के जवाब में मोहन कपूर ने अमेरिका में बिताए अपने शूटिंग के दिनों को याद करते हुए कई रोचक बातें साझा कीं।

उन्होंने कहा, "मुझे सबसे ज्यादा जो बात अच्छी लगी, वह सेट पर महिलाओं की भूमिका थी। महिलाएं बड़े तकनीकी काम खुद कर रही थीं। वे भारी लाइट्स और उपकरण बिना किसी झिझक के उठा रही थीं। यह देखकर हैरानी भी हुई और अच्छा भी लगा। वहां काम को महिला-पुरुष से नहीं जोड़ा जाता, बल्कि हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी पूरी करता है।"

मोहन कपूर ने अमेरिका की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ा एक उदाहरण भी साझा किया। उन्होंने कोविड के समय का एक किस्सा बताया, जब वे एक सुपरमार्केट गए थे। उन्होंने कहा, "मैंने वहां एक कर्मचारी से मदद मांगी, लेकिन उस कर्मचारी ने साफ कहा कि वह सिर्फ वही काम करेगा जो उसकी नौकरी में शामिल है। मेरे लिए यह अनुभव नया था, लेकिन इससे यह समझ आया कि वहां हर काम की एक तय सीमा और जिम्मेदारी होती है।"

अभिनेता ने बताया, "यही सोच 'मिस मार्वल' के शूटिंग सेट पर भी देखने को मिली। कोविड के कारण शूटिंग के दौरान क्रू की संख्या कम थी, लेकिन फिर भी हर व्यक्ति पूरी तैयारी और फोकस के साथ काम कर रहा था। हर कोई पहले से प्रशिक्षित था। पूरा सेट एक अच्छी तरह से चलने वाली मशीन जैसा लग रहा था, जहां हर चीज समय पर और सही तरीके से हो रही थी।"

मोहन कपूर ने शूटिंग के पहले दिन की एक घटना भी साझा की। उन्होंने कहा, "कैमरे में तकनीकी खराबी के कारण शूटिंग करीब एक घंटे देर से शुरू हुई। इस देरी को हल्के में नहीं लिया गया। एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर तुरंत अपने टैबलेट के साथ आए और डायरेक्टर से देरी की वजह दर्ज करने को कहा। वहां हर मिनट और हर फैसले की जवाबदेही तय होती थी।"

उन्होंने इस अनुभव की तुलना भारत से करते हुए कहा कि हमारे यहां अक्सर जवाबदेही की कमी देखने को मिलती है। यह समस्या सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है, बल्कि कई क्षेत्रों में लोग समय और जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लेते, जो एक बड़ी चुनौती है।

'मिस मार्वल' मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की सातवीं टेलीविजन सीरीज है। इसकी कहानी 16 साल की लड़की कमला खान के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एवेंजर्स की बड़ी प्रशंसक होती है और अपनी पहचान खोजने की कोशिश करती है। बाद में उसे खास शक्तियां मिलती हैं और वह एक सुपरहीरो बन जाती है। इस सीरीज में इमान वेल्लानी ने मुख्य भूमिका निभाई है, जबकि मोहन कपूर, जेनोबिया श्रॉफ, फवाद खान, फरहान अख्तर समेत कई कलाकार अहम भूमिकाओं में हैं।

Point of View

मोहन कपूर का अनुभव भारतीय फिल्म उद्योग में आवश्यक बदलाव की ओर इशारा करता है। जिम्मेदारी और अनुशासन का अभाव एक बड़ी चुनौती है जिसे हमें स्वीकार करना होगा। यह केवल फिल्म उद्योग तक सीमित नहीं है, बल्कि हर क्षेत्र में इसे लागू किया जाना चाहिए।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

मोहन कपूर ने 'मिस मार्वल' में कौन सा किरदार निभाया?
मोहन कपूर ने 'मिस मार्वल' में सुपरहीरो कमला खान के पिता यूसुफ खान का किरदार निभाया।
मोहन कपूर ने अमेरिका में काम करने के अनुभव को कैसे बताया?
उन्होंने इसे बेहद अनुशासित और प्रेरक बताया, जहां हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेता है।
क्या मोहन कपूर ने भारत और अमेरिका के काम करने के माहौल में अंतर बताया?
हाँ, उन्होंने बताया कि भारत में अक्सर जवाबदेही की कमी होती है, जबकि अमेरिका में हर काम की एक तय सीमा होती है।
Nation Press