क्या मोहनीश बहल ने हर रोल में सफलता पाई, लेकिन 'मां' की फिल्मों को क्यों किया टाल?

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क्या मोहनीश बहल ने हर रोल में सफलता पाई, लेकिन 'मां' की फिल्मों को क्यों किया टाल?

सारांश

मोहनीश बहल का जन्मदिन 14 अगस्त को है। उन्होंने विलेन से लेकर संस्कारी बेटे तक हर भूमिका में सफलता पाई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने अपनी मां नूतन की फिल्मों को क्यों नहीं देखा? आइए जानते हैं उनके जीवन के अनसुने पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • मोहनीश बहल का जन्म 14 अगस्त 1961 को हुआ।
  • उन्होंने 1983 में 'बेकरार' से करियर शुरू किया।
  • उनकी मां नूतन एक प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं।
  • मोहनीश ने कई भूमिकाओं में सफलता पाई।
  • वे अपनी मां की फिल्मों से भावुक हो जाते हैं।

मुंबई, 13 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड के बहु-प्रतिभाशाली अभिनेता मोहनीश बहल का 14 अगस्त को 64वां जन्मदिन मनाया जाएगा। दिवंगत अदाकारा नूतन के बेटे मोहनीश ने अपनी अद्वितीय अभिनय क्षमता के चलते विलेन, संस्कारी बेटे और सहायक भूमिकाओं में दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया है। हालांकि, उनकी जिंदगी का एक विशेष हिस्सा है, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं।

उनकी पेशेवर और व्यक्तिगत जिंदगी उतनी ही रोचक है, जितने उनके द्वारा निभाए गए किरदार।

मोहनीश बहल ने 1983 में फिल्म 'बेकरार' से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हो पाई। इसके बाद 1984 में आई 'पुराना मंदिर' जैसी बी-ग्रेड हॉरर फिल्म ने उन्हें कुछ पहचान दिलाई, लेकिन असली सफलता उन्हें 1989 में सलमान खान और भाग्यश्री के साथ आई फिल्म 'मैंने प्यार किया' से मिली। इस फिल्म में उन्होंने विलेन 'जीवन' का किरदार निभाया, जिसने उन्हें रातोंरात प्रसिद्धि दिलाई। सलमान के साथ उनकी ऑन-स्क्रीन दुश्मनी दर्शकों को बहुत पसंद आई।

इसके बाद मोहनीश ने 1994 में 'हम आपके हैं कौन' और 1999 में 'हम साथ-साथ हैं' जैसी फिल्मों में संस्कारी बड़े भाई की भूमिका निभाई और दर्शकों के दिलों में जगह बनाई। इन फिल्मों में सलमान के साथ उनकी केमिस्ट्री ने उन्हें घर-घर में लोकप्रिय बना दिया।

मोहनीश ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनकी 'राजा हिंदुस्तानी', 'कहो ना प्यार है', 'एलओसी कारगिल' और 'जय हो' जैसी फिल्मों में उन्होंने सहायक और नकारात्मक किरदारों में अपनी खास छाप छोड़ी। 80 से अधिक फिल्मों में काम कर चुके मोहनीश ने अपनी प्रतिभा और अभिनय कौशल से हर किरदार में जान डाल दी।

वह केवल बड़े पर्दे तक सीमित नहीं रहे, बल्कि छोटे पर्दे पर भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 'संजीवनी', 'दिल मिल गए' और 'कुछ तो लोग कहेंगे' जैसे शोज में उनके किरदारों को सराहना मिली। विशेषकर 'संजीवनी' में डॉ. शशांक गुप्ता का किरदार उन्हें टीवी दर्शकों का प्रिय बना गया। हालांकि, टीवी की व्यस्तता के कारण 2005 के बाद उन्हें फिल्मों के ऑफर कम मिलने लगे।

एक इंटरव्यू में मोहनीश ने कहा कि टीवी की मांग भरे शेड्यूल ने उनकी फिल्मी पारी को गहराई से प्रभावित किया।

मोहनीश बहल का जन्म 14 अगस्त 1961 को मुंबई में हुआ था। उनकी मां नूतन हिंदी सिनेमा की प्रतिष्ठित अभिनेत्री थीं, जिन्होंने 'सुजाता', 'बंदिनी' और 'मिलन' जैसी फिल्मों से इतिहास रचा। उनके पिता रजनीश बहल नौसेना अधिकारी थे। मोहनीश की शादी अभिनेत्री एकता सोहिनी से हुई और उनकी दो बेटियां, प्रनूतन और कृषा हैं। प्रनूतन ने भी 2019 में आई फिल्म 'नोटबुक' से बॉलीवुड में डेब्यू किया। मोहनीश की कजिन काजोल, रानी मुखर्जी और तनीषा मुखर्जी भी जानी-मानी हस्तियां हैं।

एक दिलचस्प तथ्य यह है कि मोहनीश अपनी मां नूतन की फिल्मों को नहीं देखते। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि मां की फिल्में देखकर वह भावुक हो जाते हैं और उनकी याद में रो पड़ते हैं। इसी कारण वह उनकी फिल्मों से दूरी बनाए रखते हैं।

हाल ही में, मोहनीश फिल्मों से दूर रहे हैं। उनकी पिछली रिलीज़ फिल्म 2019 में आई 'पानीपत' थी। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह पैरलल लीड रोल्स की तलाश में हैं, लेकिन उन्हें केवल सहायक भूमिकाएँ मिल रही हैं।

मोहनीश और सलमान खान के बीच एक विशेष रिश्ता है। दोनों अच्छे दोस्त हैं।

Point of View

लेकिन उनकी मां की फिल्मों से दूरी उनके भावनात्मक पहलुओं को भी उजागर करती है। यह एक दिलचस्प बात है कि कैसे एक अभिनेता व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता है।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

मोहनीश बहल का जन्म कब हुआ?
मोहनीश बहल का जन्म 14 अगस्त 1961 को मुंबई में हुआ।
कौन सी फिल्म से मोहनीश ने अपने करियर की शुरुआत की?
मोहनीश ने अपने करियर की शुरुआत 1983 में फिल्म 'बेकरार' से की।
मोहनीश बहल की मां कौन थीं?
मोहनीश की मां नूतन हिंदी सिनेमा की प्रतिष्ठित अभिनेत्री थीं।
क्या मोहनीश अपनी मां की फिल्मों को देखते हैं?
नहीं, मोहनीश अपनी मां की फिल्मों को नहीं देखते क्योंकि वे भावुक हो जाते हैं।
मोहनीश की आखिरी फिल्म कौन सी थी?
मोहनीश की आखिरी फिल्म 2019 में आई 'पानीपत' थी।