क्या नया साल, नए सपने और नई ऊर्जा से प्रेरणा मिलेगी इन मोटिवेशनल फिल्मों से?
सारांश
Key Takeaways
- नया साल नये अवसरों का प्रतीक है।
- प्रेरणादायक फिल्में आत्मविश्वास बढ़ाती हैं।
- सकारात्मक सोच जरूरी है।
- हर इंसान विशेष होता है।
- संघर्ष से ही सफलता मिलती है।
मुंबई, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नया साल केवल एक कैलेंडर परिवर्तन नहीं है, बल्कि यह अपने आप से नए वादे करने, पिछले अनुभवों से सीखने और आगे बढ़ने का एक सुनहरा अवसर है। हर कोई चाहता है कि आने वाला साल पहले से बेहतर हो, चाहे वह पढ़ाई, करियर या खेल के क्षेत्र में हो। ऐसे में अगर साल की शुरुआत प्रेरणादायक कहानियों के साथ की जाए, तो सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास अपने आप ही बढ़ जाता है।
चक दे! इंडिया: यह केवल एक स्पोर्ट्स फिल्म नहीं है, बल्कि आत्मसम्मान, टीम वर्क और खुद को पुनः साबित करने की कहानी है। फिल्म में शाहरुख खान द्वारा निभाया गया कोच कबीर खान का किरदार सिखाता है कि असफलता जीवन का अंत नहीं है। एक हार के बाद समाज और सिस्टम से ठुकराए गए कबीर खान सात वर्षों बाद भारतीय महिला हॉकी टीम के कोच बनते हैं। टीम में आपसी मतभेद, अहंकार और क्षेत्रीय सोच भरी होती है, लेकिन धीरे-धीरे वह सभी को एक टीम में बदल देते हैं।
तारे जमीन पर: फिल्म 'तारे जमीन पर' बच्चों और बड़ों दोनों को गहरा संदेश देती है। यह कहानी ईशान नाम के बच्चे की है, जिसे पढ़ाई में कमजोर समझा जाता है, जबकि वह वास्तव में अलग तरह की सोच रखता है। आमिर खान द्वारा निभाया गया शिक्षक का किरदार यह दिखाता है कि सही मार्गदर्शन किसी की पूरी जिंदगी बदल सकता है। नए साल की शुरुआत में यह फिल्म खास है, क्योंकि यह सिखाती है कि हर इंसान विशेष होता है, इसलिए तुलना करने के बजाय ताकत पहचाननी चाहिए।
3 इडियट्स: '3 इडियट्स' हंसाते-हंसाते जीवन की बड़ी सीख देती है। फिल्म की कहानी तीन दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते हैं। फिल्म सिस्टम की अंधी दौड़ पर सवाल उठाती है। आमिर खान का किरदार रैंचो अंक और डिग्रियों के पीछे भागने के बजाय हमेशा सीखने पर जोर देता है। नए साल पर यह फिल्म देखने का सबसे बड़ा कारण यही है कि यह हमें डर से बाहर निकलकर अपने सपनों का पीछा करने की प्रेरणा देती है।
सुपर 30: यह फिल्म संघर्ष और समर्पण की सच्ची कहानी है। यह फिल्म गणितज्ञ आनंद कुमार के जीवन से प्रेरित है, जो आर्थिक तंगी के बावजूद गरीब बच्चों को आईआईटी परीक्षा के लिए तैयार करते हैं। ऋतिक रोशन द्वारा निभाया गया आनंद कुमार का किरदार बताता है कि हालात चाहे कितने भी कठिन क्यों न हों, अगर इरादे मजबूत हों तो असंभव भी संभव हो सकता है। नए साल के मौके पर यह फिल्म इसलिए खास है क्योंकि यह मेहनत, शिक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी का महत्व समझाती है।
बाहुबली: द बिगिनिंग: प्रभास की 'बाहुबली: द बिगिनिंग' साहस और कर्तव्य की कहानी भी है। फिल्म में प्रभास ने बाहुबली का किरदार निभाया, जो त्याग, धैर्य और सच्चाई के लिए लड़ता है। कहानी सत्ता, विश्वासघात और न्याय के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन इसका मूल संदेश यही है कि सही रास्ता चाहे कितना भी कठिन क्यों न हो, उस पर चलना ही असली जीत है।