क्या निधन की अफवाहों ने शैलेंद्र सिंह का करियर चौपट किया? राज कपूर की वजह से बने थे सिंगर

सारांश
Key Takeaways
- शैलेंद्र सिंह का जन्म 4 अक्टूबर 1952 को हुआ।
- उन्होंने राज कपूर की फिल्म 'बॉबी' में गाया।
- उनकी सेहत के कारण करियर प्रभावित हुआ।
- निधन की अफवाहें उनके लिए बड़ी समस्या बनीं।
- उनके कई हिट गाने हैं।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप 'झूठ बोले कौवा काटे' गाने को याद करते हैं? यह गाना न केवल एक हिट था, बल्कि यह एक प्रसिद्ध कहावत भी बन गया। इस गाने में डिंपल कपाड़िया और ऋषि कपूर की जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीत लिया।
इस गाने को गाने वाले शैलेंद्र सिंह आज अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 4 अक्टूबर 1952 को मुंबई के एक पंजाबी परिवार में हुआ। शैलेंद्र ने मुंबई में अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और साथ ही शास्त्रीय संगीत की शिक्षा भी ली।
शैलेंद्र सिंह का सपना पहले एक्टर बनने का था, और इसके लिए उन्होंने पुणे के भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान में दाखिला लिया। पढ़ाई के दौरान उन्हें राज कपूर की फिल्म 'बॉबी' में गाने का अवसर मिला, जो कि बड़े पर्दे पर सफल रही।
फिल्म 'बॉबी' में गाने के बाद, शैलेंद्र ने एक्टर बनने का सपना छोड़कर प्लेबैक सिंगिंग का विकल्प चुना। उनका मानना था कि राज कपूर का संगीत में गहरा ज्ञान था, और उन्हें चुनना इस बात का प्रमाण था कि उनमें कुछ खास है। शैलेंद्र ने अपने करियर में कई हिट गाने दिए।
उनके गाने जैसे 'मैं शायर तो नहीं', 'हम आपके हैं कौन', 'तेरी रब ने बना दी जोड़ी', 'मने तुमको देखा', 'हम तुम एक कमरे में बंद हो', 'आया मौसम दोस्ती का', और 'तुमको मेरे दिल ने पुकारा' को बहुत पसंद किया गया। हालांकि, उनकी बिगड़ती सेहत ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।
1994 में, डायबिटीज की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, और इसके बाद उनके निधन की अफवाहें फैल गईं।
हालांकि, ये अफवाहें झूठी थीं, लेकिन इन्हीं अफवाहों ने उनके करियर को प्रभावित किया। शैलेंद्र ने बताया कि इन अफवाहों के कारण उन्हें काम मिलना बंद हो गया। इतने सफल गाने देने के बावजूद, वे आज एक गुमनाम जीवन जी रहे हैं।