क्या दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने स्वामी चैतन्यानंद को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा?

सारांश
Key Takeaways
- स्वामी चैतन्यानंद पर गंभीर आरोप हैं।
- दिल्ली पुलिस ने 17 छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई की है।
- चैतन्यानंद को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
- जांच में फर्जी नंबर प्लेट बरामद हुई हैं।
- यह मामला महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों का प्रतीक है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थ सारथी की समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं। छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में अदालत ने स्वामी चैतन्यानंद को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 दिनों के लिए स्वामी चैतन्यानंद को न्यायिक हिरासत में रखने का निर्णय लिया। आरोपी बाबा ने जेल में डॉक्टर की पर्ची के अनुसार दवाइयाँ और बिना लहसुन-प्याज का खाना देने की अनुमति के लिए अर्जी दी। स्वामी चैतन्यानंद की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट 4 अक्टूबर को दोपहर 12.30 बजे फैसला सुनाएगा।
दिल्ली पुलिस ने छात्राओं से छेड़खानी के आरोप में स्वामी चैतन्यानंद को आगरा से गिरफ्तार किया था। चैतन्यानंद पर 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप है। पुलिस के अनुसार, चैतन्यानंद पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) की छात्रवृत्ति योजना के तहत पोस्ट-ग्रेजुएट मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स की छात्राओं को निशाना बनाने का आरोप है। 4 अगस्त को भारतीय वायु सेना मुख्यालय से शिकायत मिलने के बाद आरोपी फरार हो गया था।
जांच में खुलासा हुआ कि चैतन्यानंद रात के समय छात्राओं को अपने कमरे में बुलाता था और उनकी ग्रेड कम करने या फेल करने की धमकी देकर उनके साथ जबरदस्ती करता था। पुलिस ने संस्थान की तीन वार्डनों के बयान दर्ज किए हैं, जिन पर चैतन्यानंद की मदद करने और आपत्तिजनक संदेशों को डिलीट करने का आरोप है। लगभग 50 छात्राओं के फोन से बरामद वॉट्सऐप चैट से 16 सालों तक चले यौन शोषण के सबूत मिले हैं, जिनमें अश्लील संदेश और जबरन शारीरिक संपर्क की घटनाएँ शामिल हैं।
इससे पहले, अगस्त की शुरुआत में 17 छात्राओं ने दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें चैतन्यानंद पर ईडब्ल्यूएस श्रेणी की छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाली छात्राओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। अधिकारियों के अनुसार, चैतन्यानंद पिछले दो दशकों से महिलाओं का शोषण कर रहा था, और 2009 व 2016 में भी छेड़खानी के मामलों में वह बच निकला था।
यह मामला तब सामने आया जब 17 छात्राओं ने अगस्त में शिकायत दर्ज कराई। उस समय चैतन्यानंद लंदन में था, लेकिन उसकी अंतिम लोकेशन आगरा में मिली। उसने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन बाद में उसे वापस ले लिया।
जांच में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि चैतन्यानंद की लाल रंग की लग्जरी वॉल्वो कार से कई फर्जी नंबर प्लेट बरामद की गईं, जिन पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) का फर्जी लोगो लगा था। जांच में पुष्टि हुई कि ये नंबर प्लेट यूएन द्वारा जारी नहीं की गई थीं और आरोपी ने खुद इन्हें बनाया था। कार को जांच के लिए जब्त कर लिया गया है।