क्या पुरी में सुदर्शन पटनायक ने रेत कला के जरिए असरानी को दी श्रद्धांजलि?

सारांश
Key Takeaways
- असरानी की स्मृति को रेत कला के माध्यम से जीवित किया गया।
- सुदर्शन पटनायक ने 4 से 5 टन रेत का उपयोग किया।
- रेत मूर्ति में असरानी के प्रसिद्ध किरदारों का प्रतिनिधित्व है।
- इस कला ने स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना।
- सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि की तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
पुरी, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ओडिशा के प्रसिद्ध पुरी समुद्र तट पर मंगलवार को पद्मश्री रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने हास्य सम्राट असरानी को एक अद्वितीय श्रद्धांजलि अर्पित की।
20 अक्टूबर को असरानी का निधन हास्य क्षेत्र में एक बड़ा शून्य छोड़ गया है। उनकी विशेष हंसी और संवाद, जैसे कि "आधे इधर जाओ, आधे उधर जाओ, और बाकी हमारे साथ आओ," आज भी दर्शकों के मन में जीवित हैं। सुदर्शन पटनायक ने अपने रेत कला संस्थान के छात्रों के साथ मिलकर लगभग 4 से 5 टन रेत का उपयोग कर एक विशेष कृति तैयार की।
यह रेत मूर्ति असरानी के हास्य के प्रति आकर्षण और भारतीय सिनेमा में उनके योगदान को प्रकट करती है। ‘शोले’, ‘चुपके चुपके’, और ‘भूल भुलैया’ जैसी फिल्मों में उनके किरदारों ने पीढ़ियों को हंसाया है और कई यादगार लम्हों को जन्म दिया है। यह कलाकृति उस आनंद और हंसी का प्रतीक है, जो असरानी ने अपने प्रशंसकों को दी।
पटनायक ने कहा, "इस रेत कला के माध्यम से, मैं असरानी जी की अद्वितीय विरासत और उनकी हंसी से भरी प्रस्तुतियों को सम्मान देना चाहता था। उनके किरदार और संवाद हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे, जैसे यह रेत पर बना पैटर्न।" उन्होंने असरानी के निधन को हास्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति बताया।
यह कला न केवल उनकी याद को जीवित करती है, बल्कि उनके प्रशंसकों को उनकी फिल्मों के सुनहरे पलों को याद करने का अवसर भी देती है। पुरी समुद्र तट पर यह रेत मूर्ति पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। कई लोगों ने इसे देखकर असरानी की फिल्मों के किस्से साझा किए। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "असरानी जी की कॉमेडी ने हमें हमेशा हंसाया। यह रेत कला उनकी यादों को ताजा करती है।"
सुदर्शन पटनायक की यह पहल उनके कला के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक संदेश देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सोशल मीडिया पर भी इस रेत कला की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जहां प्रशंसक असरानी के योगदान को याद कर रहे हैं।