क्या पंकज त्रिपाठी को ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का यादगार किरदार सुल्तान कैसे मिला?

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क्या पंकज त्रिपाठी को ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का यादगार किरदार सुल्तान कैसे मिला?

सारांश

पंकज त्रिपाठी का सफर छोटे गाँव से लेकर बॉलीवुड के शीर्ष तक का है। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में सुल्तान के किरदार ने उनके करियर को एक नई दिशा दी। जानिए इस किरदार की कहानी और पंकज के अद्वितीय अभिनय के बारे में।

Key Takeaways

  • पंकज त्रिपाठी का संघर्ष प्रेरणादायक है।
  • सुल्तान का किरदार उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट था।
  • उन्हें अनुराग कश्यप ने एक छोटी भूमिका में देखा था।
  • उनकी अदाकारी में गहराई और वास्तविकता है।
  • गैंग्स ऑफ वासेपुर ने उन्हें एक लोकप्रिय चेहरा बना दिया।

मुंबई, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सिनेमा के अद्भुत अभिनेताओं में शामिल पंकज त्रिपाठी आज अपनी सादगी, नेचुरल एक्टिंग और गहरी अदाकारी के लिए मशहूर हैं। छोटे से गाँव से निकलकर बड़े पर्दे तक का उनका सफर प्रेरणादायक है। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से उन्हें पहली बार मुख्यधारा सिनेमा में पहचान मिली।

इस फिल्म में उन्होंने सुल्तान की भूमिका निभाई थी। इसके बाद उन्होंने हर रोल में दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी। वेब सीरीज 'मिर्जापुर' में कालीन भैया बनकर उन्होंने पूर्वांचल के बाहुबली का रूप दिखाया, वहीं 'क्रिमिनल जस्टिस' में माधव मिश्रा जैसे चतुर वकील बनकर ओटीटी पर छा गए।

'स्त्री' में रुद्र भैया का अद्भुत ज्ञान और कॉमेडी ने दर्शकों को हंसाया, तो 'सेक्रेड गेम्स' के रहस्यमयी गुरुजी ने हमें उलझाया। 'बरेली की बर्फी' में पिता की भूमिका और 'मसान' में एक मासूम रेलवे कर्मचारी के किरदार में उन्होंने हमारी आत्मा को छू लिया।

उनकी अदाकारी ऐसी है कि वे हर किरदार में इस कदर ढल जाते हैं कि दर्शक उनमें अपनी झलक देख सकते हैं। पंकज त्रिपाठी आज जिस मुकाम पर हैं, वहां पहुँचने में ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का सुल्तान का किरदार उनके करियर के लिए एक टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।

यह किरदार किसी और के लिए लिखा गया था, लेकिन पंकज त्रिपाठी को ही इसे निभाना था। दरअसल, कई सालों के संघर्ष और छोटी भूमिकाओं के बाद उन्हें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में एक छोटा सा किरदार मिला था।

हालांकि, सुल्तान का किरदार पहले किसी और अभिनेता को दिया गया था, लेकिन निर्देशक अनुराग कश्यप उसकी एक्टिंग से संतुष्ट नहीं थे। वे एक नए अभिनेता की तलाश में थे।

एक दिन जब वे सेट पर थे, उन्होंने देखा कि पंकज त्रिपाठी, जो छोटे से सीन के लिए तैयार हो रहे थे, बिलकुल शांति से खड़े थे। उनकी आंखों में वह गंभीरता थी, जो सुल्तान के किरदार के लिए उपयुक्त थी।

अनुराग कश्यप ने तुरंत पंकज त्रिपाठी को बुलाया और पूछा, "क्या तुम यह रोल कर सकते हो?" पंकज ने बिना सोचे-समझे हां कर दी। उन्होंने उस किरदार की गहराई को समझा और अपना पूरा टैलेंट झोंक दिया। जब उन्होंने सुल्तान के रूप में पहला शॉट दिया, तो सेट पर हर कोई दंग रह गया।

उनकी आवाज, उनकी आंखें और उनका क्रूर अंदाज इतना प्रभावशाली था कि अनुराग कश्यप ने तुरंत उन्हें फाइनल कर दिया। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के दोनों भाग सुपरहिट साबित हुए और पंकज त्रिपाठी का सुल्तान का किरदार दर्शकों के दिलों में बस गया। उनकी क्रूरता और दमदार संवाद ने उन्हें रातों-रात एक लोकप्रिय चेहरा बना दिया। इस किरदार ने उनके करियर की दिशा पूरी तरह से बदल दी और उन्हें एक ऐसे अभिनेता के रूप में स्थापित किया, जिसने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर बॉलीवुड में अपना मुकाम बनाया।

Point of View

पंकज त्रिपाठी का यह सफर संघर्ष, मेहनत और प्रतिभा का एक शानदार उदाहरण है। उन्होंने साबित किया है कि सादगी और कड़ी मेहनत से कोई भी अपने सपनों को साकार कर सकता है।
NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

पंकज त्रिपाठी का जन्म कहाँ हुआ था?
पंकज त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव में हुआ था।
क्या पंकज त्रिपाठी ने केवल फिल्मों में काम किया है?
नहीं, उन्होंने थिएटर और वेब सीरीज में भी काम किया है।
सुल्तान का किरदार किसके लिए लिखा गया था?
सुल्तान का किरदार पहले किसी और अभिनेता के लिए लिखा गया था।
पंकज त्रिपाठी को किस फिल्म से पहचान मिली?
उन्हें ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से पहचान मिली।
अनुराग कश्यप ने पंकज त्रिपाठी को क्यों चुना?
अनुराग कश्यप को पंकज की आंखों में किरदार की गहराई नजर आई।
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