क्या भारत ने स्क्वैश विश्व कप में मिस्र को हराकर पहली बार फाइनल में जगह बनाई?
सारांश
Key Takeaways
- भारत ने पहली बार स्क्वैश विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई।
- मिस्र को हराकर भारत ने 3-0 से जीत दर्ज की।
- यह भारतीय स्क्वैश का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है।
- रविवार को हांगकांग के साथ गोल्ड मेडल का मुकाबला होगा।
चेन्नई, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। चेन्नई में आयोजित स्क्वैश विश्व कप के फाइनल में भारत ने अपनी जगह बना ली है। भारत ने मिस्र को हराकर फाइनल में पहुंचने की उपलब्धि हासिल की है। यह पहला अवसर है जब भारतीय टीम खिताबी मुकाबले में पहुंची है।
खिताबी मुकाबले में भारतीय टीम की सफलता का श्रेय राष्ट्रीय चैंपियन वेलावन सेंथिलकुमार और अनाहत सिंह को जाता है। दोनों ने अपने-अपने पुरुष और महिला सिंगल्स मुकाबले जीतकर भारत को दो बार के डिफेंडिंग चैंपियन मिस्र को 3-0 से हराकर शनिवार को विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया।
सेंथिलकुमार ने पहले मैच में दुनिया के 96वें नंबर के खिलाड़ी इब्राहिम एलकब्बानी को 3-0 (7-1, 7-3, 7-6) से हराया। 17 वर्षीय अनाहत सिंह ने 44वीं रैंक वाली नूर हेइकल पर 3-2 (6-7, 7-5, 7-3, 3-7, 7-3) से जीत दर्ज की। वहीं अभय सिंह ने एडम हवल को 3-1 (7-5, 6-7, 7-5, 7-6) से हराया।
तीन जीत के बाद जोशना चिनप्पा का नार्डिन गैरास के खिलाफ मैच जरूरी नहीं था।
1996 में शुरू हुए इस इवेंट के बाद से स्क्वैश विश्व कप में यह भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। भारत ने 2023 में कांस्य पदक जीता था।
रविवार को इंडियन स्क्वैश अकादमी में हांगकांग, चीन के साथ गोल्ड मेडल का मुकाबला होगा।
टूर्नामेंट में पहले, भारत ने ग्रुप स्टेज में स्विट्जरलैंड और ब्राज़ील को 4-0 के अंतर से हराकर क्वार्टर-फाइनल में जगह बनाई, जहां उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को 3-0 से हराया।
विश्व कप लगातार तीसरे वर्ष चेन्नई में आयोजित किया जा रहा है।
टूर्नामेंट में बारह देशों ने भाग लिया और उन्हें तीन-तीन के चार ग्रुप में बांटा गया, जिसमें टॉप दो क्वार्टर-फाइनल में पहुंचे। यह स्क्वैश वर्ल्ड कप में भारत का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन है। भारत दो साल पहले इसी जगह पर मलेशिया से हार गया था और उसे कांस्य से संतोष करना पड़ा था।