गुरबानी से 'राता लंबियां' तक: असीस कौर के सिंगर बनने की यात्रा कैसे हुई?

सारांश
Key Takeaways
- असीस कौर की आवाज़ में मिठास और गहराई है।
- उन्होंने अपने सफर की शुरुआत गुरबानी से की।
- उनका फिल्मी करियर २०१४ में शुरू हुआ।
- उनकी शादी २०२३ में हुई और वे अब एक बेटे की मां हैं।
- उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
मुंबई, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हर साल कई आवाजें संगीत की दुनिया में गूंजती हैं, लेकिन कुछ आवाजें ऐसी होती हैं, जो सीधे दिल में जगह बना लेती हैं। असीस कौर की आवाज भी ऐसी ही है, जो सुनते ही मूड को तरोताजा कर देती है। जब भी बॉलीवुड में किसी रोमांटिक गाने का जिक्र होता है, असीस कौर का नाम अवश्य लिया जाता है।
गानों जैसे 'राता लंबियां', 'वे माही', और 'तेरे बिन' से घर-घर में पहचान बनाने वाली असीस का सफर बिल्कुल आसान नहीं था। उन्होंने अपने संगीत की शुरुआत भक्ति गाने से की, लेकिन धीरे-धीरे फिल्मी दुनिया में कदम रखा। आज वह न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक संगीत प्रेमियों की पसंद बन चुकी हैं।
असीस कौर का जन्म २६ सितंबर १९८८ को हरियाणा के पानीपत में हुआ। उनके परिवार का माहौल धार्मिक था, और इसी वातावरण में उन्होंने पांच साल की उम्र में गुरबानी गाना शुरू किया। जब उनके पिता ने देखा कि असीस की आवाज में कुछ विशेष है, तो उन्होंने उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। घर में गुरबानी सुनाने से लेकर स्थानीय धार्मिक आयोजनों में प्रदर्शन तक, असीस ने जल्द ही लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली। पढ़ाई में भी असीस गंभीर थीं; उन्होंने पानीपत के एसडी पीजी कॉलेज से एम. कॉम की डिग्री प्राप्त की।
शुरुआत में उनका सपना एक चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का था, लेकिन संगीत के प्रति उनका झुकाव उनकी जीवन की दिशा बदलने लगा। उन्होंने ठान लिया कि वे एक गायक बनेंगी।
असीस ने अपने हुनर को निखारने के लिए जालंधर में उस्ताद पूरन शाहकोटी से संगीत की शिक्षा ली। उन्होंने लंबे समय तक गुरबानी गाना जारी रखा और देशभर के धार्मिक आयोजनों में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने अपने आपको परखा और रियलिटी शोज में अपनी आवाज का जादू बिखेरा। सबसे पहले उन्होंने पंजाबी रियलिटी शो 'आवाज पंजाब दी' में भाग लिया, जिससे उन्हें बड़ा मंच और पहचान मिली।
इसके बाद उन्होंने 'इंडियन आइडल' में भी भाग लिया। हालांकि, वह इस शो की विजेता नहीं बनीं, लेकिन उनकी आवाज ने दर्शकों और संगीत निर्देशकों का ध्यान खींचा।
असीस ने मुंबई का रुख किया और संगीत निर्देशकों से मिलने लगीं। उनकी बॉलीवुड में एंट्री साल २०१४ में फिल्म 'तमंचे' के गाने 'दिलदारा रिप्राइज' से हुई। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फिल्म 'कपूर एंड सन्स' का गाना 'बोलना', 'केसरी' का 'वे माही', 'सिम्बा' का 'तेरे बिन', और फिर २०२१ की सुपरहिट फिल्म 'शेरशाह' का गाना 'राता लंबियां', इन सभी ने असीस को सुपरस्टार सिंगर बना दिया।
उनकी आवाज की विशेषता यह है कि उसमें मिठास, गहराई और भावनाओं का ऐसा मिश्रण है, जो सीधे दिल में उतर जाता है। इसी कारण असीस को कई पुरस्कार मिले। उन्हें २०२१ में फिल्म 'मलंग' के गाने 'हुई मलंग' के लिए फिल्मफेयर अवार्ड प्राप्त हुआ। फिर, २०२२ में 'शेरशाह' के 'राता लंबियां' के लिए उन्हें आईफा और फिल्मफेयर अवार्ड भी मिला।
संगीत की दुनिया में उनकी सफलता के साथ-साथ उनकी निजी जिंदगी भी चर्चा का विषय रही। १८ जून २०२३ को उन्होंने पंजाबी संगीतकार गोल्डी सोहेल से शादी की, और २०२४ में वे एक बेटे की मां बनीं।