क्या किरदार सिर्फ किरदार होता है, चाहे वह पुरुष हो या महिला? : आसिफ शेख

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क्या किरदार सिर्फ किरदार होता है, चाहे वह पुरुष हो या महिला? : आसिफ शेख

सारांश

आसिफ शेख ने अपने अद्वितीय अभिनय यात्रा की चर्चा की और बताया कि उनके लिए किरदार का लिंग मायने नहीं रखता। उनकी मेहनत और समर्पण हर किरदार में झलकता है। जानिए उनके कार्य की प्रक्रिया और महिला किरदार निभाने की चुनौतियों के बारे में।

Key Takeaways

  • आसिफ शेख का मानना है कि किरदार का लिंग मायने नहीं रखता।
  • किरदार को जीवंत बनाने के लिए रिसर्च महत्वपूर्ण है।
  • महिला किरदार निभाना धैर्य और समर्पण की मांग करता है।
  • आसिफ ने 350 से अधिक किरदार निभाए हैं, जिनमें महिला किरदार भी शामिल हैं।
  • हर किरदार के लिए लुक और व्यवहार पर विचार किया जाता है।

मुंबई, 25 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। टीवी सीरियल 'भाबीजी घर पर हैं' में विभूति नारायण मिश्रा की भूमिका से घर-घर में पहचान बनाने वाले अभिनेता आसिफ शेख ने हाल ही में अपने अभिनय यात्रा और किरदारों को जीवंत बनाने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की।

आसिफ का कहना है कि उनके लिए किरदार का लिंग कोई मायने नहीं रखता, बल्कि उनके प्रामाणिक और जीवंत चित्रण में ही असली कला निहित है।

उन्होंने कहा, “जब 'भाबीजी घर पर हैं' की शुरुआत हुई, तब मेरे किरदारों को चुनने और उन्हें तैयार करने में काफी मेहनत की गई। हमारी टीम ने मेरे लिए विभिन्न किरदार और उनके लुक डिजाइन किए, जिन्हें दर्शकों ने बेहद पसंद किया, जिसके लिए मैं अपने लेखकों और निर्देशकों का आभारी हूं। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मुझे इतने सारे किरदार निभाने का अवसर दिया। अब तक मैंने 350 से अधिक किरदार निभाए हैं, जिनमें 21 से 80 साल की उम्र की 35 से अधिक महिला किरदार शामिल हैं।”

महिला किरदारों को निभाने की प्रक्रिया के बारे में आसिफ ने बताया, “किसी भी किरदार को निभाने से पहले मैं सोचता हूं कि उसमें क्या नया और अनोखा किया जा सकता है, जो दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़े। मैं अपनी टीम के साथ मिलकर किरदार पर रिसर्च करता हूं, कई प्रकार की जानकारी इकट्ठा करता हूं और फिर किरदार का एक स्केच तैयार करता हूं। इसके बाद कॉस्ट्यूम और मेकअप पर काम शुरू होता है। जब लुक तैयार हो जाता है, तब हम किरदार की भाषा, व्यवहार और शारीरिक हाव-भाव तय करते हैं और आखिर में मैं खुद को उस किरदार में ढालकर परफॉर्म करता हूं। यही मेरा काम करने का तरीका है। मुझे लगता है कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे इतने विविध किरदार निभाने का मौका मिला।”

आसिफ ने आगे कहा, “मेरे लिए किरदार केवल किरदार है, चाहे वह पुरुष हो या महिला। असल बात यह है कि आप उसे कितनी सच्चाई और गहराई के साथ पेश करते हैं। हालांकि, महिला किरदार निभाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि कॉस्ट्यूम और मेकअप की प्रक्रिया में कई घंटे लग सकते हैं। मुझे याद है कि एक लोकप्रिय ट्रैक के लिए मेरा लुक तैयार करने में ढाई घंटे लगे थे। ऐसे किरदारों के लिए धैर्य और समर्पण होना बहुत जरूरी है, खासकर जब शूटिंग कई दिनों तक चलती है, लेकिन मुझे यह सब करना बहुत पसंद है।”

आसिफ की यह मेहनत और लगन उनके हर किरदार में स्पष्ट झलकती है। वह इन दिनों एंडटीवी पर प्रसारित होने वाले सीरियल 'भाबीजी घर पर हैं' में विभूति नारायण मिश्रा के रूप में हर सोमवार से शुक्रवार रात 10:30 बजे दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं।

Point of View

हमारे समाज में समानता का एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह दृष्टिकोण न केवल सिनेमा में विविधता को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक कदम है।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

आसिफ शेख ने कितने किरदार निभाए हैं?
आसिफ शेख ने 350 से अधिक किरदार निभाए हैं।
क्या आसिफ शेख महिला किरदार निभाने में चुनौतियों का सामना करते हैं?
हाँ, महिला किरदार निभाना उनके लिए चुनौतीपूर्ण होता है, खासकर कॉस्ट्यूम और मेकअप में समय लगता है।
आसिफ शेख का प्रसिद्ध किरदार कौन सा है?
उनका प्रसिद्ध किरदार विभूति नारायण मिश्रा है, जो 'भाबीजी घर पर हैं' में है।