क्या रानी मुखर्जी ने अपने दिवंगत पिता को राष्ट्रीय पुरस्कार समर्पित किया?

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क्या रानी मुखर्जी ने अपने दिवंगत पिता को राष्ट्रीय पुरस्कार समर्पित किया?

सारांश

बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा रानी मुखर्जी ने अपने असाधारण अभिनय के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। इस पुरस्कार को उन्होंने अपने दिवंगत पिता को समर्पित किया और इस मौके पर अपने भावनात्मक अनुभव साझा किए। इस फिल्म की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है, जो मातृत्व के संघर्ष को दर्शाती है।

Key Takeaways

  • रानी मुखर्जी ने राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है।
  • उन्होंने इसे अपने पिता को समर्पित किया।
  • फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है।
  • रानी का अभिनय करियर 30 वर्षों का है।
  • यह पुरस्कार मातृत्व के संघर्ष को पहचानता है।

नई दिल्ली, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड की प्रसिद्ध अदाकारा रानी मुखर्जी को उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए पहली बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार उन्हें फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे' में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मिला।

इस फिल्म में रानी ने एक ऐसी भारतीय मां का किरदार निभाया, जो अपने बच्चों को वापस पाने के लिए एक विदेशी सरकार के खिलाफ अकेले संघर्ष करती है।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर रानी मुखर्जी ने अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए कहा, ''यह सम्मान मेरे लिए अत्यंत खास है क्योंकि यह मेरे अभिनय के सफर के तीस वर्ष पूरे होने पर मिला है। मैं इसे अपने दिवंगत पिता राम मुखर्जी को समर्पित करना चाहती हूं, क्योंकि यह उनका सपना था।''

भावुक होकर रानी ने कहा, ''मैं आज उन्हें बहुत याद कर रही हूं। मुझे लगता है कि यह उनकी दुआओं और मेरी मां की प्रेरणा का परिणाम है कि मैं इस किरदार को निभा पाई।''

फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे' की कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है। यह २०११ में नॉर्वे में एक भारतीय दंपति सागरिका चक्रवर्ती और अनुरूप भट्टाचार्य की कहानी है, जिनके बच्चों को नॉर्वे सरकार द्वारा जबरन अलग किया गया था।

इस कहानी ने वैश्विक स्तर पर एक बहस को जन्म दिया और मां के संघर्ष को एक नई पहचान दी। रानी ने इस भूमिका को निभाते समय कहा कि यह उनके लिए एक व्यक्तिगत अनुभव था, क्योंकि वे स्वयं एक मां हैं और इस किरदार से वे दिल से जुड़ गई थीं।

रानी ने कहा, "इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कोविड-१९ महामारी के कारण कई चुनौतियाँ आईं, लेकिन पूरी टीम ने दिल से मेहनत की। मैं फिल्म की निर्देशक आशिमा छिब्बर और निर्माता निखिल आडवाणी, मोनिशा आडवाणी, और मधु भोजवानी का आभार व्यक्त करती हूं। यह पुरस्कार पूरी टीम की मेहनत का परिणाम है।"

उन्होंने आगे कहा, ''मेरे प्रशंसक हमेशा मेरे साथ रहे हैं, चाहे अच्छे समय हों या बुरे। उनका प्यार और विश्वास मेरी सबसे बड़ी ताकत है। मुझे खुशी है कि यह पुरस्कार उन्हें भी बहुत खुशी दे रहा है।''

उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की जूरी का आभार जताते हुए कहा, ''इस फिल्म के माध्यम से मैंने मातृत्व की भावना और एक मां की ताकत को प्रदर्शित करने का प्रयास किया है। यह पुरस्कार उन सभी माताओं को समर्पित है, जो हर दिन अपने बच्चों के लिए अनगिनत बलिदान देती हैं।''

Point of View

बल्कि यह उनके व्यक्तिगत संघर्ष और मातृत्व के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी उजागर करता है। यह फिल्म न केवल भारतीय सिनेमा में माताओं की भूमिका को मान्यता देती है, बल्कि यह दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि मातृत्व क्या होता है।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

रानी मुखर्जी ने किस फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता?
रानी मुखर्जी ने फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे' के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
रानी मुखर्जी ने पुरस्कार किसे समर्पित किया?
उन्होंने यह पुरस्कार अपने दिवंगत पिता राम मुखर्जी को समर्पित किया।
फिल्म 'मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे' की कहानी किस पर आधारित है?
यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है जिसमें एक भारतीय दंपति के बच्चों को नॉर्वे सरकार द्वारा जबरन अलग किया गया था।
रानी मुखर्जी के लिए यह पुरस्कार कितना खास है?
यह पुरस्कार उनके अभिनय करियर की तीसवीं वर्षगांठ पर मिला है, इसलिए यह उनके लिए बेहद खास है।
रानी मुखर्जी ने इस पुरस्कार के बारे में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार सभी माताओं के बलिदानों को समर्पित है।