क्या सरदार पटेल होते पहले प्रधानमंत्री तो क्या हमारे दुश्मन अस्तित्व में नहीं होते?

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क्या <b>सरदार पटेल</b> होते पहले प्रधानमंत्री तो क्या हमारे दुश्मन अस्तित्व में नहीं होते?

सारांश

राष्ट्रीय एकता दिवस पर, फिल्म निर्देशक अशोक पंडित ने सरदार पटेल की भूमिका पर विचार किया। उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल पहले प्रधानमंत्री होते, तो आज हमारे दुश्मन शायद अस्तित्व में नहीं होते। जानें इस दिन का महत्व और सरदार पटेल के योगदान के बारे में।

Key Takeaways

  • सरदार पटेल की दूरदर्शिता ने भारत की एकता को मजबूत किया।
  • राष्ट्रीय एकता दिवस का उद्देश्य देश की अखंडता को बढ़ावा देना है।
  • सरदार पटेल का योगदान आज भी हमारे लिए प्रेरणा है।

मुंबई, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आज सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर फिल्म निर्देशक अशोक पंडित ने मुंबई पुलिस द्वारा आयोजित दौड़ में भाग लिया। उन्होंने इस दौरान कहा कि यदि सरदार पटेल भारत के पहले प्रधानमंत्री होते, तो शायद हमारे दुश्मन अस्तित्व में नहीं होते।

अशोक पंडित ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, "राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। यह दिन सरदार पटेल जी की महान सोच और उनके योगदान को स्मरण करता है, जिन्होंने 'देश की एकता' के सिद्धांत को स्थापित किया और 'विविधता में एकता' का संदेश दिया। हम 2025 में उनकी 150वीं जयंती मनाने जा रहे हैं। आज सुबह मैंने मुंबई पुलिस द्वारा आयोजित दौड़ में हिस्सा लिया और यही कामना की कि भारत और भी अधिक शक्तिशाली बने। अगर सरदार पटेल जी पहले प्रधानमंत्री होते, तो आज देश की तस्वीर कुछ अलग होती।"

केंद्र सरकार ने 2014 में यह घोषणा की थी कि 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसका उद्देश्य लोगों को देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के महत्व के प्रति जागरूक करना है।

इस दिन स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों और संगठनों में 'रन फॉर यूनिटी', निबंध प्रतियोगिताएं, भाषण प्रतियोगिताएं और देशभक्ति गीत-संगीत के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। सरदार पटेल को 'भारत का बिस्मार्क' भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने जर्मनी को एक करने में बिस्मार्क की तरह भारत को भी अखंड बनाने का कार्य किया। उनकी दूरदर्शिता ने देश को स्थिरता प्रदान की।

भारत स्वतंत्रता के बाद 562 छोटी-बड़ी रियासतों में विभाजित था। ऐसे समय में सरदार पटेल ने अपनी अटूट इच्छाशक्ति, चतुर राजनीति और मजबूत नेतृत्व से सभी रियासतों को भारत संघ में मिलाया। हैदराबाद, जूनागढ़ और कश्मीर जैसी जटिल रियासतों का एकीकरण उनके प्रयासों के फलस्वरूप संभव हुआ। उन्होंने 'स्टेट्स रीऑर्गनाइजेशन कमेटी' की स्थापना की, जिससे भारत को एक मजबूत प्रशासनिक ढांचा प्राप्त हुआ।

Point of View

सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान भारत की एकता और अखंडता में अमूल्य है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने देश को एकजुट किया। आज का राष्ट्रीय एकता दिवस हमें इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रीय एकता दिवस कब मनाया जाता है?
राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल 31 अक्टूबर को मनाया जाता है।
सरदार पटेल का क्या योगदान है?
सरदार पटेल ने भारत को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
क्यों सरदार पटेल को 'भारत का बिस्मार्क' कहा जाता है?
'भारत का बिस्मार्क' उन्हें इसलिए कहा जाता है कि उन्होंने भारत को अखंड बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।