क्या एनडीए को संकल्प पत्र के बजाय क्षमा पत्र जारी करना चाहिए? : सुरेंद्र राजपूत

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क्या एनडीए को संकल्प पत्र के बजाय क्षमा पत्र जारी करना चाहिए? : सुरेंद्र राजपूत

सारांश

क्या एनडीए को बिहार विधानसभा चुनाव में अपने कार्यों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए? सुरेंद्र राजपूत ने इस मुद्दे को उठाते हुए गंभीर सवाल किए हैं। जानिए उनके तर्क और बिहार की राजनीति में क्या चल रहा है।

Key Takeaways

  • एनडीए का संकल्प पत्र राजनीतिक चर्चा का विषय है।
  • सुरेंद्र राजपूत ने एनडीए पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • बिहार में जंगलराज का मुद्दा फिर से उभरा है।
  • चुनाव प्रचार के दौरान हिंसा की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
  • जनता को अपने नेताओं से जवाबदेही की आवश्यकता है।

लखनऊ, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने अपना साझा संकल्प पत्र जारी किया है। इसके बाद से राजनीति में गर्मी आ गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए का तो क्षमा पत्र जारी होना चाहिए।

सुरेंद्र राजपूत ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "जो पार्टी 20 साल से सरकार में है, जो दल 20 साल से सरकार में है, जो गठबंधन 20 साल से सरकार में है, तो अपने काम गिनाए न? वो बताएं कि 9 करोड़ लीटर शराब चूहे कैसे पी गए? वो बताएं कि 7,581 करोड़ के पुल-पुलिया चूहे कैसे खा गए? वो बताएं कि उसने कितने मेडिकल कॉलेज बनाए?"

उन्होंने कहा, "एनडीए बताए कि कितने एम्स बनाए हैं उन्होंने? वो बताएं कि कितने सरकारी स्कूल बनाए, सरकारी यूनिवर्सिटी कितनी बनाईं? वो बताएं कि कितने कारखाने लाए, 20 साल में 20 कारखाने अगर लाए हों तो बताएं? आज की तारीख में तो एनडीए को जनता से क्षमा मांगने की आवश्यकता है और अपने कार्यों, जो उन्होंने किए, वो गिनाने की आवश्यकता है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने दुलारचंद यादव हत्या मामले पर कहा, "बिहार में जंगलराज की पराकाष्ठा है। ये तो हम कहते-कहते थक गए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी और उसका इको-सिस्टम हमारे ही खिलाफ बातें बनाता रहता है। 2005 की तो याद दिलाता है, लेकिन 2025 तक जिस तरीके से उत्तर प्रदेश हत्या में और अपहरण में नंबर एक और बिहार नंबर दो है, इससे स्पष्ट होता है कि जहां-जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, वहां देश का संविधान लागू ही नहीं होता। वहां पर पुलिस भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम करती है, संविधान के इशारे पर काम नहीं करती।"

जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी अपने समर्थकों के साथ चुनाव प्रचार में निकले थे। इस दौरान उनके काफिले पर कुछ लोगों ने लाठी-डंडे से हमला कर दिया। आरोप है कि भीड़ में किसी ने गोली भी चलाई जो दुलारचंद यादव को लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में एनडीए के कार्यों पर सवाल उठाना आवश्यक है। सुरेंद्र राजपूत के तर्कों से यह प्रतीत होता है कि जनता को अपने प्रतिनिधियों से जवाबदेही की अपेक्षा है। यह मुद्दा न केवल बिहार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

एनडीए का संकल्प पत्र क्या है?
एनडीए का संकल्प पत्र एक चुनावी घोषणा पत्र है, जिसमें पार्टी अपने चुनावी वादों का उल्लेख करती है।
सुरेंद्र राजपूत ने क्या आरोप लगाए?
सुरेंद्र राजपूत ने एनडीए पर 20 साल में किए गए कामों की कमी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
बिहार में राजनीतिक स्थिति क्या है?
बिहार में राजनीतिक स्थिति काफी तनावपूर्ण है, और हाल के चुनावी प्रचार में हिंसा की घटनाएँ भी हुई हैं।