क्या अनुपम खेर की चुप्पी ने उनके करियर को प्रभावित किया?

सारांश
Key Takeaways
- सपनों के लिए संघर्ष: जीवन में किसी भी स्थिति में हार नहीं माननी चाहिए।
- अवसर: कई बार अवसर खोने के बाद भी हमें संघर्ष करना चाहिए।
- प्रेरणा: अनुपम खेर की कहानी से प्रेरणा लें।
- फिल्म उद्योग: फिल्म इंडस्ट्री में अच्छे काम को नजरअंदाज किया जाता है।
- दूसरे मौके: फिल्मों को भी दर्शकों के सामने आने का अवसर मिलना चाहिए।
मुंबई, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म उद्योग में चार दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले प्रतिभाशाली अभिनेता अनुपम खेर ने हाल ही में अपने करियर के आरंभिक संघर्षों को याद करते हुए एक गहन किस्सा साझा किया। उन्होंने कहा कि लाखों लोग मुंबई में अपने सपनों के साथ आते हैं, लेकिन अवसर केवल कुछ लोगों को ही मिलता है। इस परिस्थिति में हमें हार नहीं माननी चाहिए।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए अनुपम खेर ने खुलासा किया कि कैसे उनकी पहली प्रमुख फिल्म ‘सारांश’ में भूमिका मिलने के बाद उन्हें अचानक हटा दिया गया और उनकी जगह अनुभवी अभिनेता संजीव कुमार को लिया गया था। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। अनुपम खेर फिल्म निर्देशक महेश भट्ट से लगातार मिलते रहे और अंततः उन्हें वह अवसर मिला जिसने उनके करियर को नया मोड़ दिया।
अनुपम खेर ने कहा, "जीवन ने मुझे कई बार परखा है। १९८४ में रिलीज हुई ‘सारांश’ फिल्म में अपने किरदार के लिए मैं पूरी तरह से तैयार था, लेकिन मुझे बाहर कर दिया गया। अगर मैंने उस समय चुप रहकर अपने लिए खड़ा नहीं हुआ होता, तो शायद आज मैं इस मुकाम पर नहीं होता। फिल्म इंडस्ट्री में कई बार ऐसे मौके आते हैं, जहां आपको अपने लिए संघर्ष करना पड़ता है।"
उन्होंने बताया कि यश चोपड़ा की फिल्म ‘लम्हे’ के समय भी उन्हें कुछ ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, "मेरे ४० वर्षों के करियर में हर सफलता के पीछे संघर्ष की एक कहानी है।"
अनुपम खेर ने कहा, "दर्शक हमेशा एक अच्छी प्रेम कहानी की तलाश में रहते हैं और मोहित सूरी जैसे निर्देशक ‘आशिकी’ जैसी फिल्मों के माध्यम से उस पुराने जादू को वापस लाते हैं। जब फिल्मों के गाने दर्शकों को पसंद आते हैं, तो फिल्म की पहचान और भी मजबूत होती है, लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर और थिएटर मालिक केवल उन्हीं फिल्मों की ओर ध्यान देते हैं जो बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं। अन्य अच्छी फिल्मों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।"
अपनी फिल्म ‘तन्वी द ग्रेट’ के पुनः रिलीज़ के बारे में अनुपम खेर ने कहा, "मैं दूसरे मौके पर पूरी तरह से विश्वास रखता हूं। जैसे देश की सेवाओं में, चाहे वह आईएएस हो या आईपीएस, लोगों को दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलता है, उसी तरह फिल्मों को भी दोबारा दर्शकों के सामने आने का अवसर मिलना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि उनकी फिल्म अच्छी बनी है। पहली बार में यह अधिक दर्शकों तक नहीं पहुंच सकी, इसलिए अब इसे फिर से रिलीज़ किया जा रहा है। यह फिल्म २६ सितंबर को सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी। अनुपम खेर ने बताया कि इस बार यह केवल २० शहरों में सीमित रूप से रिलीज़ होगी। इसके बाद इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी लाया जाएगा।