क्या 'गुलाबी साड़ी' के फेम संजू ने कहा, 'मराठी म्यूजिक में हैं कई संभावनाएं'?

सारांश
Key Takeaways
- संजू का नया गाना 'शेकी' लोकप्रियता के नए आयाम छू रहा है।
- मराठी भाषा में कई संभावनाएं हैं।
- संगीत से संस्कृति का विस्तार संभव है।
- संजू ने बंजारा समुदाय से अपनी पहचान बनाई है।
- अब मराठी गाने ग्लोबल हो रहे हैं।
मुंबई, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मराठी गायक संजू की नई रिलीज़ सॉन्ग 'शेकी' को शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। सिंगर का मानना है कि मराठी भाषा में अभी भी बहुत कुछ खोजा जाना बाकी है। उनके अनुसार, मराठी भाषा कलाकारों के लिए अवसरों की खान है। 'शेकी' साल का सबसे लोकप्रिय मराठी सॉन्ग बन चुका है।
संजू की पिछली हिट 'गुलाबी साड़ी' ने भी सोशल मीडिया पर तहलका मचाया था।
संजू ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा, "मराठी भाषा के लिए यह एक बड़ी जीत है। मैं बंजारा समुदाय से हूं, जो प्रवासी है। हमारी अपनी बोली है, लेकिन मराठी हमेशा हमारी जिंदगी का हिस्सा रही है। मैं इस मिट्टी और यहां मिले प्यार और सम्मान के लिए आभारी हूं।"
'शेकी' ने रिलीज़ के दो महीने में ही यूट्यूब पर 15 करोड़ व्यूज, स्पॉटिफाई पर 2.5 करोड़ स्ट्रीम्स, 40 लाख इंस्टाग्राम रील्स, 45 लाख टिकटॉक वीडियोज़ और 39 लाख यूट्यूब शॉर्ट्स हासिल किए हैं।
संजू ने बताया, "मराठी भाषा में अभी बहुत खोजा जाना बाकी है। मैं कोशिश करता हूं कि मराठी को हिंदी और अंग्रेजी के साथ मिलाकर, रोजमर्रा की भाषा में पेश करूं, ताकि यह न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि पूरे भारत और दुनिया में पहुंच सके।"
उनके लिए जब कोई मराठी गाना नई सीमाओं को पार कर दर्शकों तक पहुंचता है, तो यह सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पल होता है। उनका मानना है कि भाषा बाधा नहीं, बल्कि एक सेतु है। रूपाली गांगुली, रकुल प्रीत सिंह, चित्रांगदा सिंह और कुशा कपिला जैसी हस्तियों ने भी 'शेकी' पर वीडियो बनाकर इसकी लोकप्रियता बढ़ाई है।
बिलीव आर्टिस्ट सर्विसेज की निदेशक शिल्पा शारदा ने कहा, "संजू का संगीत इस बात का सबूत है कि क्षेत्रीय धुनें वैश्विक शैलियों के साथ मिलकर सीमाओं को तोड़ सकती हैं। 'शेकी' और 'गुलाबी साड़ी' ने मराठी पॉप के लिए नया युग शुरू किया है। संजू राठोड़ न सिर्फ हिट गाने बना रहे हैं, बल्कि मराठी पॉप (एमपॉप) क्रांति को नया रूप दे रहे हैं।