क्या श्रेयस तलपड़े को धोखाधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली?

सारांश
Key Takeaways
- श्रेयस तलपड़े को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है।
- मामला मल्टी मार्केटिंग फर्म से संबंधित है।
- बेंच ने हरियाणा पुलिस को नोटिस जारी किया है।
- कंपनी ने चिटफंड स्कीम के तहत धोखाधड़ी की है।
- कई अन्य लोगों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। हरियाणा के सोनीपत जिले से जुड़े एक मल्टी मार्केटिंग फर्म के धोखाधड़ी और विश्वासघात मामले में अभिनेता श्रेयस तलपड़े को सुप्रीम कोर्ट से महत्वपूर्ण राहत प्राप्त हुई है। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई के दौरान अभिनेता को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा दी और हरियाणा पुलिस सहित अन्य को नोटिस जारी कर मामले में स्पष्टीकरण मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने तलपड़े और अन्य अभिनेताओं और फर्म के ब्रांड एंबेसडर को एफआईआर में शामिल करने पर हरियाणा पुलिस से जवाब मांगा है।
यह मामला इंदौर में पंजीकृत एक कंपनी, ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रमोशन से संबंधित है, जिसने 50 लाख से अधिक लोगों के करोड़ों रुपये लेकर भाग जाने का आरोप झेला है।
सोसाइटी ने श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ को अपना ब्रांड एंबेसडर बताकर चिटफंड स्कीम शुरू की थी। इस कंपनी पर आरोप है कि इसने 6 साल में दोगुना रकम देने का झांसा देकर 45 लोगों से 9.12 करोड़ रुपये ठगे। संचालकों ने एजेंट के तौर पर शामिल होने वालों को मैनेजर का पद देकर अन्य लोगों को जोड़ने के लिए प्रेरित किया। करोड़ों रुपये हड़पने के बाद नवंबर में सोसाइटी के ऑफिस अचानक बंद होने लगे, जिसके बाद पीड़ितों ने विभिन्न स्थानों पर इसको लेकर एफआईआर दर्ज कराई।
इस संदर्भ में सोनीपत जिले के गांव हसनपुर के युवक विपुल ने भी श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ सहित 13 लोगों के खिलाफ मुरथल पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और विश्वासघात का मामला दर्ज कराया।
मामले में नामजद 13 लोगों में इंदौर के नरेंद्र नेगी, दुबई में रहने वाले समीर अग्रवाल, पंकज अग्रवाल, परिक्षित पारसे, मुंबई निवासी आरके शेट्टी, मुख्य ट्रेनर राजेश टैगोर, संजय मुदगिल, हरियाणा हेड पप्पू शर्मा, चंडीगढ़ निवासी आकाश श्रीवास्तव, चेस्ट ब्रांच अधिकारी रामकंवार झा, पानीपत निवासी शबाबे हुसैन और ब्रांड एंबेसडर के तौर पर अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े शामिल हैं।