क्या 252 करोड़ ड्रग्स केस में सिद्धांत कपूर की दोबारा पूछताछ हो सकती है?
सारांश
Key Takeaways
- सिद्धांत कपूर की पूछताछ ने ड्रग्स मामले को नया मोड़ दिया।
- जांच जारी है और और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।
- सिद्धांत कपूर का नाम मुख्य आरोपी के बयान में आया था।
- ड्रग्स का उपयोग समाज पर गंभीर दुष्प्रभाव डालता है।
- इस मामले ने बॉलीवुड के भीतर ड्रग्स के दुरुपयोग को उजागर किया है।
मुंबई, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 252 करोड़ रुपए के बड़े ड्रग्स मामले में जांच की गति तेज हो गई है। इसी सिलसिले में बॉलीवुड अभिनेता सिद्धांत कपूर से एंटी-नारकोटिक्स सेल (एएनसी) की घाटकोपर यूनिट द्वारा लगभग पांच घंटे तक पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद उन्होंने एएनसी कार्यालय से बाहर निकलकर अपनी प्रतिक्रिया दी।
मुंबई क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि सिद्धांत कपूर का बयान अभी भी अधूरा है और उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।
अधिकारियों के अनुसार, सिद्धांत कपूर को पूछताछ के लिए इसलिए तलब किया गया था क्योंकि मुख्य आरोपी के बयान में उनका नाम शामिल था, और पुलिस उन जानकारियों को सत्यापित करना चाहती थी।
पूछताछ के दौरान सिद्धांत से कई महत्वपूर्ण सवाल किए गए, विशेषकर उन पार्टियों के बारे में जहां कथित तौर पर ड्रग्स का सेवन किया गया था। पुलिस का दावा है कि सिद्धांत कपूर भारत में एक पार्टी में शामिल हुए थे, जहां ड्रग्स का उपयोग किया गया था। हालांकि, इस दावे की आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि पूछताछ जांच प्रक्रिया का हिस्सा है और इस समय सिद्धांत कपूर पर कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
सिद्धांत कपूर पहले भी ड्रग्स विवादों में घिर चुके हैं। 2022 में बेंगलुरु की एक रेव पार्टी के दौरान उनका नाम सामने आया था और तब भी उनसे पूछताछ की गई थी।
अब बुधवार को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ओरहान अवत्रामणी उर्फ ओरी से पूछताछ की जाएगी। दरअसल, सिद्धांत कपूर से पहले ओरी को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था। ओरी को 20 नवंबर को पेश होना था, लेकिन उन्होंने अतिरिक्त समय मांगा था, जिसके बाद उन्हें 26 नवंबर को बयान दर्ज कराने के लिए समन किया गया।
इस 252 करोड़ रुपए के ड्रग्स मामले की शुरुआत पिछले साल मार्च में हुई, जब महाराष्ट्र के सांगली जिले में एंटी-नारकोटिक्स सेल ने एक अवैध मेफेड्रोन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया। यह फैक्ट्री पेशेवर तरीके से संचालित हो रही थी और यहां मेफेड्रोन नामक ड्रग्स का बड़े पैमाने पर उत्पादन हो रहा था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बरामद ड्रग्स की कीमत लगभग 252 करोड़ रुपए आंकी गई। जांच के दौरान पुलिस को यह जानकारी मिली कि यह फैक्ट्री एक बड़े और संगठित ड्रग्स नेटवर्क का हिस्सा है, जो भारत और विदेशों में हाई-प्रोफाइल पार्टियों में मेफेड्रोन और अन्य ड्रग्स की सप्लाई करता था।